एफआईयू ने संदिग्‍ध लेनदेन पर कसी नकेल, जारी किए नए गाइडलाइंस

ये गाइडलाइंस एंटी-मनी लॉन्‍डरिंग (AML) और आतंकवाद के फाइनेंसिंग का मुकाबला करने की (CFT) व्यवस्था का हिस्सा हैं

Money Laundering

देश के फाइनेंशियल इंटेलीजेंस यूनिट (FIU) ने एंटी-मनी लॉन्‍डरिंग और आतंकवाद विरोधी फाइनेंसिंग के संदिग्‍ध लेनदेन की प्रभावी जांच के लिए नई गाइडलाइंस जारी की है. ये गाइडलाइंस कैपिटल मार्केट, बीमा कंपनियों, ऑनलाइन पेमेंट गेटवे इंटरमीडियरीज और क्रिप्‍टो करेंसी सर्विस प्रोवाइडर्स को जारी की गई है. इसके जरिये सरकार फाइनेंशियल सिस्‍टम को और चाक चौबंद करना चाहती है.

नई गाइडलाइंस वित्‍त वर्ष 2022-23 के दौरान प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्‍डरिंग एक्‍ट (PMLA) के प्रावधानों के तहत जारी किए गए है. इन्‍हें हाल ही में एक रिपोर्ट में प्रकाशित किया गया है. ये गाइडलाइंस एंटी-मनी लॉन्‍डरिंग (AML) और आतंकवाद के फाइनेंसिंग का मुकाबला करने की (CFT) व्यवस्था का हिस्सा हैं. इसके अनुसार फाइनेंशियल इंस्‍टीट्यूशंस और इंटरमीडियरीज को संदिग्ध लेनदेन रिपोर्ट (STR) को एफआईयू के साथ साझा करना अनिवार्य है.

एफआईयू बाद में इनका विश्लेषण करती है और उन्हें विभिन्न जांच तथा खुफिया एजेंसियों के साथ कार्रवाई के लिए साझा किया जाता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इन पूरक दिशानिर्देशों ने सिक्‍योरिटी मार्केट ट्रांजैक्‍शंस के संबंध में एफआईयू को जानकारी हासिल करने के तरीके में एक रणनीतिक बदलाव किया है.

ये अलर्ट इंडिकेटर्स मार्केट इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर इंस्‍टीट्यूशंस (MII) जैसे स्‍टॉक एक्‍सचेंजेज और डिपॉजिटरी में उभरते जोखिमों का समाधान करेंगे. रिपोर्ट के अनुसार, जैसे-जैसे शेयर बाजार में ट्रेडिंग वॉल्‍यूम में इजाफा हो रहा है वैसे में यह महत्‍वपूर्ण हो जाता है कि मार्केट इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर इंस्‍टीट्यूशंस अपने एंटी-मनी लॉन्‍डरिंग और आतंकवाद के फाइनेंसिंग का मुकाबला करने के आर्किटेक्‍चर को और आधुनिक बनाएं.

हालांकि, MIIs सालों से संदिग्‍ध लेनदेन की रिपोर्ट एफआईयू से साझा करते रहे हैं. रिपोर्ट में कहा गया है संदिग्‍ध लेनदेन से जुड़े ट्रांजैक्‍शंस की रिपोर्ट में अलर्ट इंडिकेटर्स का अभाव है. इस कारण रिपोर्टिंग क्‍वालिटी में अभी और सुधार की गुंजाइश बाकी है.

Published - April 29, 2024, 11:42 IST