Bank of Baroda के World App से हुए फ्रॉड के बारे में तो आपने सुना ही होगा. वित्त मंत्रालय इस तरह के फाइनेंशियल फ्रॉड पर लगाम लगाने के लिए अब सख्त रुख अपनाने जा रहा है. Finance Ministry ने बैंकों और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस से कहा है कि वह ऐसे फ्रॉड पर अंकुश लगाने के लिए नो योर कस्टमर (KYC) की प्रक्रिया को सख्त करें और जांच-परख को और चाक-चौबंद करें. पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से कहा कि ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में बैकिंग सेवाएं देने वाले दुकानदारों (Merchants) और बैंकिंग कॉरेस्पॉडेंट्स को जोड़ने से पहले इनकी गहन जांच-पड़ताल किए जाने की जरूरत है. सूत्रों ने कहा कि इस तरह के कदम से न केवल फ्रॉड पर लगाम लग सकेगा बल्कि फाइनेंशियल इकोसिस्टम को भी मजबूत किया जा सकेगा.
सूत्रों ने कहा कि दुकानदारों और बैंकिंग कॉरेस्पॉडेंट्स के स्तर पर डेटा की सुरक्षा को मजबूत करने की जरूरत है, क्योंकि इनके स्तर पर डेटा में सेंध लगने की आशंका अधिक होती है. ऐसे में सूत्रों का कहना है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को बैंकों और वित्तीय संस्थानों को साइबर फ्रॉड के ‘हॉटस्पॉट’ पर बैंकिंग प्रतिनिधियों को जोड़ने से पहले उनकी पूरी जांच-परख करनी चाहिए. इसके अलावा धोखाधड़ी में इस्तेमाल माइक्रो एटीएम को भी ब्लॉक किया जाना चाहिए.
सूत्रों ने बताया कि साइबर सिक्योरिटी को बढ़ाने और फाइनेंशियल फ्रॉड को रोकने को लेकर हाल में एक इंटर-मिनिस्ट्रियल मीटिंग बुलाई की गई. इस बैठक में यह सुझाव दिया गया. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार, 2023 के दौरान वित्तीय साइबर धोखाधड़ी के 11,28,265 मामले सामने आए. इन मामलों में कुल 7,488.63 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई.
साइबर अपराध से व्यापक तरीके से निपटने के तंत्र को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार ने गृह मंत्रालय के माध्यम से देश में‘भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र’ की स्थापना की है. बढ़ती साइबर धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने के अपने प्रयासों के तहत रिजर्व बैंक गैर-कानूनी लोन देने वाले ऐप की बढ़ती संख्या को रोकने के लिए एक डिजिटल इंडिया ट्रस्ट एजेंसी (DIGITA) स्थापित करने पर विचार कर रहा है. सूत्रों ने बताया कि प्रस्तावित एजेंसी डिजिटल लोन देने वाले ऐप के सत्यापन में मदद करेगी और वेरिफायड ऐप का एक सार्वजनिक रजिस्टर बनाएगी.