भारत में 2024 में औसत से ज्यादा मानसूनी बारिश की उम्मीद है. यह कृषि के लिए सकारात्मक खबर है. इस खबर से इस समय लू की चपेट में आए क्षेत्रों में रह रहे लोगों की भी राहत मिलेगी. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम रविचंद्रन ने कहा कि इस साल मानसून के लॉन्ग टर्म एवरेज का 106 फीसद रहने की उम्मीद है. मानसून आमतौर पर 1 जून के आसपास केरल के दक्षिणी सिरे से शुरू होता है और सितंबर मध्य में वापस चला जाता है.
ला नीना की स्थिति
भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार औसत या सामान्य बारिश चार महीने के मौसम के लिए 50 साल के औसत 87 सेमी (35 इंच) के 96-104 फीसद के बीच होती है. रविचंद्रन ने कहा कि 2024 के मानसून सीजन की दूसरी छमाही के दौरान ला नीना मौसम की स्थिति विकसित होती दिख रही है.
अगस्त तक सेट ला नीना
हालाँकि, उन्होंने यह भी कहा कि भारत के उत्तर-पश्चिम, पश्चिम और उत्तरपूर्वी हिस्सों के कुछ हिस्सों में 2024 में औसत से कम मानसून आने की संभावना है. IMD प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि अल नीनो कमजोर हो रहा है और मानसून आने तक न्यूट्रल स्टेज में आ जाएगा. उन्होंने कहा, ला नीना अगस्त तक सेट हो जाएगी.
कम होगी महंगाई
2023 में भारत में सामान्य से कम वर्षा हुई थी जिससे जलाशयों का स्तर कम हो गया था. इससे कृषि उत्पादन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा था. जवाब में, सरकार ने चीनी, चावल, प्याज और गेहूं जैसी आवश्यक वस्तुओं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. देश को अब तत्काल पर्याप्त मानसूनी बारिश की जरूरत है. इससे कृषि और व्यापक आर्थिक विकास दोनों को प्रोत्साहित होंगे. इससे खाने की महंगाई को कम करने में भी मदद मिल सकती है.