यूरोपियन यूनियन ने 527 भारतीय खाद्य उत्पादों में पाया घातक केमिकल, यहां देखें लिस्ट

EU ने कहा है कि भारत से विदेश निर्यात किए जाने वाले 527 खाद्य उत्पादों में कैंसर पैदा करने वाला केमिकल एथिलीन ऑक्‍साइड है.

यूरोपियन यूनियन ने 527 भारतीय खाद्य उत्पादों में पाया घातक केमिकल, यहां देखें लिस्ट

भारत में खाने वाले वस्तुओं में कैंसर पैदा करने वाले केमिकल्‍स की मौजूदगी का बवाल बढ़ता ही जा रहा है. यूरोपीय संघ (EU) ने कहा है कि भारत से विदेश निर्यात किए जाने वाले 527 खाद्य उत्पादों में कैंसर पैदा करने वाला केमिकल एथिलीन ऑक्‍साइड है. इनमें से 54 खाद्य उत्‍पादों पर ‘ऑर्गेनिक’ का लेबल लगा था. एथिलीन ऑक्साइड को कार्सिनोजेन माना जाता है, जो कैंसर कारक है. EU ने इन 527 भारतीय खाद्य वस्तुओं में एथिलीन ऑक्साइड की मौजूदगी बताया है. इससे पहले मसालों में कैंसर पैदा करने वाले रसायनों की मौजूदगी को लेकर हंगामा मचा था.

ईयू ने की भारतीय खाद्य उत्पादों की जांच
इससे पहले 2020-21 में भी भारत सहित कई देशों से आयात की गई 468 वस्तुओं में एथिलीन ऑक्साइड होने की जानकारी दी गई थी. यूरोपीय संघ ने सितंबर 2020 से अप्रैल 2024 तक ईयू खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण ने भारत से आने वाले खाद्य उत्पादों का निरीक्षण किया. इस निरीक्षण में 527 खाद्य उत्पादों में कार्सिनोजेनिक एथिलीन ऑक्साइड पाया गया. इनमें 313 ड्राई फ्रूट्स और तिल के खाद्य वस्तुएं, 60 तरह की जड़ी-बूटियां और मसाले, 48 आहार संबंधी खाद्य वस्तुओं और बाकी 34 खाद्य उत्पादों में भी कैंसर पैदा करने वाले केमिकल मिले. इनमें तिल, काली मिर्च और अश्वगंधा जैसी खाद्य वस्तुओं में एथिलीन ऑक्साइड होने के बावजूद कुछ मामलों में ‘ऑर्गेनिक’ लेबल दिया गया था, जबकि कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे भी थे जो इम्यून बढ़ाने का दावा करते हैं.

भारत से जाने वाले 87 खेप वापस
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अधिकारियों ने बताया कि भारत से जाने वाले 87 खेप को सीमाओं से ही लौटा दिया गया है और जो वस्तुएं बाजार में थी, उन्हें भी हटा दिया गया है. यूरोपीय संघ के देशों में खाद्य सुरक्षा की पहचान करने वाले रैपिड अलर्ट सिस्टम फॉर ऑनलाइन सिस्टम फॉर फूड एंड फीड (RASFF) से उपलब्ध डेटा में भारत से निर्यात होने वाले खाद्य वस्तुओं में दो फीडिंग उत्पादों सहित 525 खाद्य वस्तुओं में कैंसर पैदा करने वाले केमिकल की पुष्टि की है.

क्या है एथिलीन ऑक्साइड
एथिलीन ऑक्साइड का उपयोग कीटनाशक और स्टरलाइजिंग एजेंट के रूप में किया जाता है. पहले यह केमिकल मेडिकल डिवाइस को स्टरलाइज करने के लिए यूज किया जाता था. लेकिन अब कई खाद्य वस्तुओं में भी इसका यूज किया जाने लगा है. डॉक्टर्स का कहना है कि एथिलीन ऑक्साइड से लिम्फोमा और ल्यूकेमिया जैसे कैंसर होते हैं.

भारतीय मसालों की जांच शुरू
इससे पहले हांगकांग और सिंगापुर एमडीएच और एवरेस्‍ट जैसे नामचीन कंपनियों के मसाला पाउडर में एथिलीन ऑक्साइड होने के कारण प्रतिबंध लगा चुके हैं. सिंगापुर और हांगकांग में भारत से जाने वाले मसालों में कैंसर पैदा करने वाले केमिकल को लेकर हंगामा मच गया. दोनों देशों में भारत से जाने वाले एमडीएच और एवरेस्ट के कुछ मसाला उत्पादों की गुणवत्ता पर सवाल उठाए गए थे. जिसके बाद खाद्य सुरक्षा नियामक एफएसएसएआई ने इस घटना के बाद जांच के लिए देश भर से एमडीएच और एवरेस्ट सहित सभी ब्रांडों के मसालों के नमूने लेना शुरू कर दिया है.

सबसे बड़ा खाद्य रिकॉल ऑपरेशन
गौरतलब है कि यूरोपीय संघ ने 1991 में एथिलीन ऑक्साइड के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया था. खाने की वस्तुओं में यूज किए जाने वाले टिड्डी बीन गम में जहरीले रसायन की खोज को यूरोपीय संघ के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा खाद्य रिकॉल ऑपरेशन बताया जाता है.

Published - April 25, 2024, 12:52 IST