एथनॉल आपूर्ति वर्ष (ईएसवाई) 2025 तक पेट्रोल में 20 फीसदी मिश्रण के सरकार के लक्ष्य को हासिल करने के लिए अधिक गन्ने के उपयोग की आवश्यकता होगी. क्रिसिल रेटिंग्स की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई. इससे चीनी भंडार स्तर और मिल मालिकों के नकदी प्रवाह में भी सुधार होने की संभावना है. ईएसवाई नवंबर से अक्टूबर महीने तक चलता है.
क्रिसिल रेटिंग्स ने एक रिपोर्ट में कहा कि भारत को एथनॉल आपूर्ति वर्ष 2025 तक पेट्रोल में 20 फीसदी एथनॉल मिलाने का लक्ष्य – या सालाना 990 करोड़ लीटर – के लिए इसकी आपूर्ति बढ़ाने को अनाज और गन्ने दोनों के फीडस्टॉक के प्रभावी उपयोग की आवश्यकता होगी. इसमें कहा गया है कि अगले सत्र तक अनाज से वार्षिक एथनॉल उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि होकर इसके 600 करोड़ लीटर तक पहुंचने की उम्मीद है (इस सत्र का उत्पादन अनुमान 380 करोड़ लीटर है). क्रिसिल रेटिंग्स ने कहा कि शेष मात्रा का उत्पादन गन्ने से एथनॉल के प्रोसेसिंग के जरिये करना होगा, जो पर्याप्त क्षमता को देखते हुए व्यावहारिक है.
क्रिसिल रेटिंग्स ने कहा कि यह बदले में चीनी भंडार को अनुकूलित करने में मदद कर सकता है, विशेष रूप से एथनॉल उत्पादन और निर्यात के लिए ‘डायवर्जन’ पर सरकारी प्रतिबंध के कारण चालू सत्र के अंत में अपेक्षित कैरी-ओवर स्टॉक को देखते हुए ऐसा कहा जा सकता है. एथनॉल सम्मिश्रण से कच्चे तेल के आयात पर भारत की निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि ईएसवाई 2021 के बाद से प्रत्येक सत्र में एथनॉल सम्मिश्रण दर में लगातार दो से तीन फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
हालांकि, एथनॉल के उत्पादन के लिए अनाज के उपयोग को नियंत्रित नहीं किया जाता है, लेकिन सरकार आने वाले वर्ष के लिए चीनी की मांग-आपूर्ति संतुलन के अपने अनुमान के आधार पर गन्ने के उपयोग की मात्रा निर्धारित करती है.