कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने धोखाधड़ी और अनऑथराइज्ड विड्रॉल को रोकने के लिए इनएक्टिव यानी निष्क्रिय खातों को लेकर सख्त रवैया अपनाया है. ईपीएफओ ने ऐसे खातों पर नियंत्रण कड़ा करने के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं. इसके तहत जिन अकाउंट में तीन साल या उससे ज्यादा समय तक कोई लेन-देन नहीं हुआ है, ऐसे खातों को निष्क्रिय खाता माना जाएगा. साथ ही इनसे विड्रॉल पर सत्यापन की प्रक्रिया सख्त होगी.
ईपीएफआो की ओर से 2 अगस्त को जारी एक नए एसओपी में निष्क्रिय खातों को लेकर खास गाइडलाइन जारी की गई है. इसके तहत जिन खातों में तय अवधि के अंदर क्रेडिट या डेबिट (ब्याज को छोड़कर) कोई दूसरा लेनदेन नहीं हुआ है ऐसे खाते लेनदेन रहित खातों के रूप में बांटे जाएंगे. इसके अलावा ईपीएफ योजना के पैरा 72 (6) के तहत मौजूदा मानदंडों को पूरा करने वाले खातों को ‘निष्क्रिय खातों’ के रूप में रखा जाएगा. ऐसी स्थिति में विड्रॉल या ट्रांसफर के लिए सख्त सत्यापन प्रक्रिया से गुजरना होगा.
खाते को अनब्लॉक कराने की ये होगी प्रक्रिया
नई गाइडलाइन के तहत इनएक्टिव खातों को अनब्लॉक करने के लिए एक व्यापक सत्यापन प्रक्रिया की शुरूआत की गई है. इसमें डिजिटल और भौतिक रिकॉर्ड की जांच, नियोक्ता सत्यापन शामिल होगा. इसके अलावा इसमें जान पहचान के लोगों के माध्यम से अपना सत्यापन कराना होगा, यह डिजिटल पंचनामा या गवाह सत्यापन के समान होगा. इस प्रणाली के तहत, EPFO 20 सक्रिय UAN धारकों को सत्यापन अनुरोध भेजेगा, जिन्होंने दावेदार के रूप में उसी अवधि के दौरान उसी प्रतिष्ठान में काम किया था. इसके अलावा अतिरिक्त पहचान जांच के रूप में कम से कम पांच ऐसे सदस्यों की पुष्टि की जरूरत होगी.
क्लेम सेटलमेंट के लिए जरूरी चीजें
एसओपी के अनुसार निष्क्रिय खातों को एक्टिव करने और बाद में क्लेम सेटलमेंट के लिए एक व्यवस्थित सिस्टमैटिक प्रणाली से गुजरना होगा. पहले सत्यापन होगा इसके बाद एप्रूवल के लिए अधिकारी की मंजूरी की जरूरत होगी. उदाहरण के लिए, 25 लाख रुपए से अधिक के दावों के निपटान के लिए प्रभारी अधिकारी स्तर तक मंजूरी की जरूरत होगी.
UAN होगा अनिवार्य
ईपीएफओ ने नए दिशानिर्देश में सभी निष्क्रिय खातों के लिए यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) अनिवार्य कर दिया है. जिन सदस्यों के खाते में लेन-देन नहीं है या निष्क्रिय हैं और उनमें UAN नहीं है, उन्हें पहले बायोमेट्रिक सत्यापन और फोटो खींचने के लिए EPFO कार्यालय या विशेष शिविरों में जाना होगा. इसके जरिए दावेदारों की पहचान होगी. वहीं जिन खातों को पहले से ही UAN से जोड़ा गया है, लेकिन उनमें नो योर कस्टमर (KYC) विवरण नहीं है, उनके लिए सदस्यों को अपने नियोक्ताओं के जरिए या सीधे EPFO कार्यालयों के साथ KYC सीडिंग पूरी करनी होगी.