देश की शहरी बेरोजगारी दर दूसरी तिमाही में 6.6 फीसद पर स्थिर रही. इस तिमाही में श्रम बाजारों में मामूली गिरावट देखी गई. यह स्थिरता बढ़ती श्रम शक्ति के बीच रही है. इस आंकड़े से सपष्ट है कि इस तिमाही शहरी अर्थव्यवस्था रोजगार पैदा नहीं कर सकीं. जब से राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने शहरी बेरोजगारी दर के तिमाही आंकड़े जारी करने शुरू किये हैं तब से सितंबर तिमाही में 15 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के बीच बेरोजगारी दर हाल के पांच वर्षों में सबसे कम रही. एनएसओ दिसंबर 2018 से आंकड़े जारी कर रहा है.
बेरोजगारी दर में आ रही रही गिरावट
नेशनल सैंपल सर्वे ब्यूरो (एनएसएसओ) के लेटेस्ट आकड़ों के मुताबिक, द्वारा बुधवार को जारी आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2022 की कोविड-प्रभावित अप्रैल-जून तिमाही में दर्ज की गई 12.6 फीसदी की उच्च दर के बाद से शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर में लगातार गिरावट आ रही है. तिमाही के दौरान पुरुषों के बीच बेरोजगारी दर पिछली तिमाही के 5.9 फीसदी से मामूली बढ़कर 6 फीसदी हो गई, जबकि महिलाओं के बीच बेरोजगारी दर 9.1 फीसदी से घटकर 8.6 फीसदी हो गई. वित्त वर्ष 2022 की अप्रैल-जून तिमाही के बाद से इन आंकड़ों में भी गिरावट आ रही है, जब यह क्रमशः 12.2 फीसद और 14.3 फीसद था. हालांकि, युवाओं (15 से 29 आयु वर्ग) के लिए बेरोजगारी दर जून तिमाही में 17.6 फीसदी से घटकर दूसरी तिमाही में 17.3 फीसदी हो गई.
दो महीने गिरावट के बाद स्थिर
लगातार दो महीने गिरावट के बाद दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) शहरी बेरोजगारी दर स्थिर है. हालांकि इसका मतलब है रोजगार में बढ़ोतरी नहीं हुई है. इस साल जनवरी-मार्च 2023 में बेरोजगारी दर 6.8 फीसदी थी. एनएसएसओ ने अप्रैल 2017 में पीएलएफएस लॉन्च किया था. पीएलएफएस के तहत त्रैमासिक बुलेटिन लेबर फोर्स इंडिकेटर जैसे बेरोजगारी दर, श्रमिक जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर), श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) का अनुमान दिया जाता है.