क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य को लेकर अभी भी काफी शंकाएं हैं. यही वजह है कि कई देशों की सरकारों की ओर से इसे अपनाए जाने के बावजूद इसमें स्थिरता नहीं है. क्रिप्टो से जुड़े इन्हीं जोखिमों को लेकर यूरोपीय सेंट्रल बैंक (ECB) की अध्यक्ष क्रिस्टीन लेगार्ड ने अपना एक व्यक्तिगत किस्सा साझा किया है. जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे उनके बेटे को क्रिप्टोकरेंसी निवेश में नुकसान हुआ है. फ्रैंकफर्ट में एक टाउन हॉल कार्यक्रम में बोलते हुए, लेगार्ड ने बताया कि उनके 30 साल के बेटे ने उनकी सलाह को नजरअंदाज करके क्रिप्टोकरेंसी में पैसा लगाया था. ये एक तरह का सट्टा था. इसमें उसे 60% का नुकसान हुआ था.
लेगार्ड लंबे समय से क्रिप्टोकरेंसी के ख़िलाफ रही हैं. उनके मुताबिक क्रिप्टो सट्टा और अवैध गतिविधि के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला जरिया है. उन्होंने उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए व्यापक वैश्विक विनियमन की आवश्यकता पर जोर दिया. उनका मानना है कि क्रिप्टो जैसी अस्थिर संपत्तियों में निवेश करते समय अनजाने में कई नुकसान हो सकते हैं. इससे सतर्क रहने की जरूरत है.
उन्होंने बताया कि ECB डिजिटल यूरो प्रोजेक्ट पर सक्रिय रूप से काम कर रहा है. केंद्रीय बैंक वर्तमान में इस पहल के “तैयारी चरण” में है और उम्मीद है कि जल्द ही इस पर अंतिम निर्णय लेगी. इसके लिए अगले दो वर्षों तक अपने विचार-विमर्श को जारी रखेगा. डिजिटल यूरो का उद्देश्य निजी क्रिप्टोकरेंसी के लिए एक विनियमित और स्थिर विकल्प प्रदान करना है.