नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने एक सर्कुलर जारी किया है जिससे यात्रियों को राहत मिल सकती है. अतिरिक्त शुल्कों को हटाए जाने और यात्रियों को अपनी इच्छानुसार सेवाएं चुनने की अनुमति दिए जाने से हवाई किराया सस्ता हो सकता है. इस सिलसिले में डीजीसीए ने 23 अप्रैल, 2024 को एक सर्कुलर जारी किया था. जिसमें कहा गया कि अतिरिक्त सेवाएं वैकल्पिक होनी चाहिए. यात्रियों को ऑप्ट-आउट करने के बजाय उन्हें चुनने की सुविधा (ऑप्ट-इन) दी जानी चाहिए.
सर्कुलर के मुताबिक, डीजीसीए ने सात सेवाएं लिस्ट की हैं, जिन्हें टिकट की कीमत से अलग करने पर बेस किराया कम हो सकता है. इन सर्विसेज में बैठने की जगह, भोजन/नाश्ता/पेय शुल्क (पीने के पानी को छोड़कर), एयरलाइन लाउंज के लिए शुल्क, चेक-इन बैगेज शुल्क, खेल उपकरण शुल्क, म्यूजिक आइटम कैरी करना, मूल्यवान सामान के लिए लिया जाने वाला शुल्क. ये सर्विसेज ऐसी हैं जिन्हें ऑप्ट इन किया जा सकता है.
इसके अलावा एयरलाइन कंपनियां अपनी नीति के अनुसार सामान भत्ता और जीरो बैगेज/नो-चेक-इन बैगेज किराये का विकल्प दे सकते हैं. हालांकि अगर कोई यात्री नो-चेक-इन बैगेज विकल्प चुनता है और फिर हवाई अड्डे पर चेक-इन के लिए सामान लाता है, तो अतिरिक्त शुल्क लिया जाएगा. हालांकि ये शुल्क उचित होने चाहिए, टिकट बुक करते समय यात्री को स्पष्ट रूप से इसकी जानकारी दी जानी चाहिए और टिकट पर भी ये छपा होना चाहिए.
क्या होता है ऑप्ट इन और ऑप्ट आउट?
एयरलाइंस अपनी टिकट की कीमतों में कुछ सेवाओं के लिए शुल्क शामिल करती हैं. ऑप्ट-इन ऐसी सुविधा है जिसमें यात्री अपनी उड़ान बुक करते समय चुनते हैं कि उन्हें कौन सी अतिरिक्त सेवाएं चाहिए. वहीं ऑप्ट-आउट प्रक्रिया में सभी अतिरिक्त सेवाएं डिफ़ॉल्ट रूप से शामिल होती हैं जब तक कि आप उन्हें रिजेक्ट नहीं कर देते हैं. डीजीसीए ने ऐसी ही अतिरिक्त शुल्कों को टिकट से हटाए जाने की बात कही है, जिससे यात्री अपनी सुविधा के अनुसार सर्विस चुन सकेंगे.