पायलटों को ड्यूटी के दौरान पर्याप्त आराम देने और उनकी सहूलियत के लिए कुछ नियमों में बदलाव किया था, जिसे 1 जून 2024 से लागू किया जाना था. मगर नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने नए नियमों को लागू किए जाने के अपने फैसले को कुछ समय के लिए टाल दिया है. ऐसे में पायलटों को आराम करने के लिए अभी थोड़ा और इंतजार करना होगा.
डीजीसीए ने मंगलवार को कहा कि एयरलाइंस 2019 में जारी पुराने एफडीटीएल मानदंडों का अनुपालन करना जारी रख सकती हैं, जब तक कि नई योजना को अमल में लाने पर निर्णय न हो जाए. नियामक ने यह निर्णय एयरलाइंस कंपनियों की ओर से की गई अपील के बाद लिया. बता दें पिछले महीने, फेडरेशन ऑफ इंडियन एयरलाइंस जिसमें इंडिगो, एयर इंडिया, विस्तारा और स्पाइसजेट शामिल हैं ने नियामक को एक पत्र लिखकर 1 जून की समय सीमा को एक साल के लिए टालने के लिए कहा था. उनकी दलील है कि नए नियम लागू करने के लिए लगभग 25 प्रतिशत अधिक पायलटों की आवश्यकता होगी. वे 1 जून तक इतने सारे पायलटों को नौकरी पर रखने और प्रशिक्षित करने में सक्षम नहीं होंगे, जिससे उन्हें अपनी 15-20 प्रतिशत उड़ानें रद्द करनी पड़ेगी. हालांकि इससे पहले 15 मार्च को नियामक ने 1 जून की समय सीमा बढ़ाने से इनकार कर दिया था.
नियमों में किया गया था ये बदलाव
डीजीसीए ने पायलटों का ड्यूटी के दौरान आराम देने और ठीक से नींद पूरी करने को लेकर पुराने नियमों में कुछ बदलाव किए थे. नए मानदंडों के तहत उड़ान चालक दल के लिए साप्ताहिक विश्राम अवधि को पहले के 36 घंटों से बढ़ाकर सप्ताह में 48 घंटे कर दिया था. इसके अलावा नाइट को लेकर कुछ परिवर्तन किए गए थे. पहले इसका मतलब आधी रात से सुबह 5 बजे के बीच का समय होता था, लेकिन इसे सुबह 6 बजे तक बढ़ा दिया गया है.