नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने गुरुवार को अयोध्या एयरपोर्ट के लिए एयरोड्रम लाइसेंस जारी कर दिया है. नियामक ने अयोध्या हवाई अड्डे को सभी मौसम की स्थिति के लिए सार्वजनिक उपयोग श्रेणी में सही पाया है. जिसके तहत एएआई के चेयरमैन संजीव कुमार को डीजीसीए के प्रमुख विक्रम देव दत्त ने लाइसेंस दिया है. इस एयरपोर्ट को भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) लगभग 350 करोड़ रुपए की लागत से विकसित कर रहा है.
एएआई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि एयरपोर्ट में एयरोनॉटिकल ग्राउंड लाइट के साथ 2,200 मीटर लंबा रनवे है. यह डीवीओआर और इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (ILS) से लैस है, जो हवाई अड्डे को रात में और कम विजबिलिटी/आरवीआर 550 मीटर के दौरान भी उड़ानों को संचालित करने की सुविधा देता है. डीवीओआर डॉपलर उच्च फ्रीक्वेंसी ओमनी रेंज से संबंधित है, जो विमान के नेविगेशन में मदद करता है. वहीं आरवीआर रनवे की दृश्यता से संबंधित है.
एएआई ने यह भी बताया कि बहुप्रतीक्षित अयोध्या हवाई अड्डे में 6,500 वर्गमीटर क्षेत्रफल वाला एक टर्मिनल भवन होगा. यह व्यस्त अवधि के दौरान 600 यात्रियों और सालाना 10 लाख यात्रियों को मैनेज कर सकता है. अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का विस्तारित रनवे ए-321/ बी-737 प्रकार के विमानों के संचालन के लिए उपयुक्त है.
इंडिगो भरेगी पहली उड़ान
अयोध्या हवाई अड्डे के इस माह के आखिर तक तैयार होने की संभावना है. ऐसे में इंडिगो पहली एयरलाइन कंपनी होगी जो अयोध्या एयरपोर्ट के लिए उड़ान भरेगी. ये बात एयरलाइन कंपनी ने एक बयान जारी कर कही. इंडिगो ने बताया कि 30 दिसंबर, 2023 को वह दिल्ली से पहली उड़ान भरकर अयोध्या पहुंचेगी. इसके बाद छह जनवरी, 2024 से दिल्ली और अयोध्या के बीच सीधी उड़ान के लिए वाणिज्यिक परिचालन शुरू होगा.इंडिगो ने यह भी बताया कि 11 जनवरी, 2024 से अहमदाबाद और अयोध्या के बीच सप्ताह में तीन दिन उड़ान सेवाएं उपलब्ध होंगी.