राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हवा की गुणवत्ता लगातार गंभीर श्रेणी में बनी हुई है. वायु प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली सरकार ने इस महीने क्लाउड सीडिंग के जरिए कृत्रिम बारिश कराने की योजना बनाई है. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने इस प्रस्ताव पर चर्चा के लिए आईआईटी-कानपुर के वैज्ञानिकों के साथ बैठक की है. उन्होंने बताया कि बैठक में चर्चा के बाद सरकार को इसका विस्तृत प्रस्ताव भेजा जा रहा है. मंत्री के अनुसार दिल्ली में 20-21 नवंबर को कृत्रिम बारिश कराई जा सकती है.
पर्यावरण मंत्री राय ने कहा कि यदि तय तारीख में सब कुछ सही रहा तो कृत्रिम बारिश से संबंधित एक पायलट परियोजना को अमल में लाया जा सकता है. अगर हमें आईआईटी कानपुर का प्रस्ताव मिलता है, तो हम इसे सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश करेंगे. आईआईटी कानपुर का अनुमान है कि दिल्ली में 20-21 नवंबर को अगर 40 फीसदी बादल छाए रहे, तो कृत्रिम बारिश हो सकती है. उनके मुताबिक अगर सभी अनुमतियां मिल जाती हैं तो तय तारीख को इसे पूरा किया जाएगा. चूंकि क्लाउड सीडिंग के लिए नमी से भरे बादलों की जरूरत होती है और इसका पूर्वानुमान हमेशा सटीक नहीं होता इसलिए वक्त का इंतजार करना होगा.
जानकारों का कहना है कि सर्दियों के महीनों के दौरान वायु प्रदूषण का स्तर कई कारणों से अधिक हो सकता है, इसमें धूल और वाहन प्रदूषण, शुष्क-ठंडा मौसम, पराली जलाना, फसल के मौसम के बाद फसल के अवशेष जलाना आदि शामिल है.
क्या होती है क्लाउड सीडिंग?
क्लाउड सीडिंग सिल्वर आयोडाइड क्रिस्टल जैसे कणों को बादलों में प्रत्यारोपित करके कृत्रिम रूप से बारिश कराई जाती है. इस प्रक्रिया में छोटे कणों को बड़ी बारिश की बूंदों में बदलने के लिए बादलों पर रसायनों का छिड़काव किया जाता है. इसके लिए विमानों का उपयोग किया जाता है.