भारतीय दवा निर्माताओं की ओर से बनाई गई खांसी और सर्दी के सिरप कुछ समय पहले टेस्टिंग में फेल हो गए थे. इसी को ध्यान में रखते हुए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने दवा कंपनियों पर नकेल कसी है. डीसीजीआई ने एक एडवाइजरी जारी करते हुए दवा कंपनियों को अपने मैन्यूफैक्चरिंग लाइसेंस और निर्धारित गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिसेज (GMP) में बताई गई शर्तों का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए हैं. इसमें उत्पाद गुणवत्ता और सुरक्षा संबंधित मानक शामिल है.
डीसीजीआई का यह कदम दवाओं के निर्माण में अनुचित पदार्थों के उपयोग काे रोकने और कफ सिरप बनाने वाली 50 से अधिक कंपनियां गुणवत्ता परीक्षण में विफल साबित होने के बाद लिया गया है. बता दें विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने पिछले साल अक्टूबर में कहा था कि गाम्बिया में किडनी की गंभीर चोटों से दर्जनों बच्चों की मौत का संबंध एक भारतीय दवा निर्माता की ओर से बनाई गई खांसी और सर्दी के सिरप से हो सकता है. ऐसे में दवा निर्माताओं को नियमों के पालन की सलाह दी गई है. सलाहकार के अनुसार दवा फॉर्मूलेशन की गुणवत्ता, सुरक्षा और प्रभावकारिता तय करने के लिए यह जरूरी है कि ऐसे फॉर्मूलेशन एपीआई मानकों का पालन हो. साथ ही इसके निर्माण के लिए उपयोग किए जाने वाले विभिन्न सहायक पदार्थों का भी ध्यान रखा जाए.
कफ सिरप के मामले में, चूंकि प्रोपलीन ग्लाइकोल, ग्लिसरीन, सोर्बिटोल इत्यादि जैसे विभिन्न महत्वपूर्ण एक्सीसिएंट्स का उपयोग किया जाता है. इसलिए दवा कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि एक्सीसिएंट्स उत्पादित फॉर्मूलेशन में किसी तरह की गड़बड़ न हो.