चीनी स्मार्टफोन कंपनी वीवो की मुश्किलें फिलहाल कम होते नहीं दिख रही हैं. पहले ही ईडी सहित दूसरी जांच ऐसेंसियों के सवालों का सामना कर रही, अब कंपनी एक और सरकारी एजेंसी के राडार पर आ गई है. सूत्रों के मुताबिक कॉर्पोरेट मामलों का मंत्रालय (एमसीए) के तहत आने वाला गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) स्मार्टफोन निर्माता वीवो के खिलाफ जांच शुरू कर सकता है. इससे पहले कंपनी पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोप लगाए हैं।
एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के मुताबिक, एसएफआईओ की जांच के अलावा मंत्रालय जांच की एक और परत खोलने जा रहा है. मंत्रालय ने अपने क्षेत्रीय निदेशक को कंपनी रजिस्ट्रार (आरओसी) के प्रतिकूल निष्कर्षों के बाद एमजी मोटर इंडिया के खातों की व्यापक जांच करने के लिए कहा है. आरओसी ने 2022 में कंपनी के रिकॉर्ड की जांच की थी.
मीडिया में आई जानकारी के मुताबिक “वीवो के मामले में, आरोपों की गंभीरता को देखते हुए, इसके बही-खातों, वित्तीय मामलों आदि की गहन जांच करने का निर्णय लिया गया है. एसएफआईओ ऐसे ही मामलों की जांच करने की विशेषज्ञता रखती है. यहीं कारण है कि इसी एजेंसी को जांच का जिम्मा सौंपा जा रहा है.”
ईडी ने 2022 के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अक्टूबर में एक चीनी नागरिक सहित चार अधिकारियों को गिरफ्तार किया था. जुलाई 2022 में ईडी ने वीवो और कंपनी से जुड़े कुछ लोगों पर छापेमारी की थी. एजेंसी ने तब आरोप लगाया था कि भारत में करों का भुगतान करने से बचने के लिए वीवो द्वारा 62,476 करोड़ रुपये “अवैध रूप से” चीन को हस्तांतरित किए गए थे.
वहीं एक अन्य मामले में एमजी मोटर इंडिया पर भी जांच की परत खुल रही है. आरओसी ने कंपनी के रिकॉर्ड की जांच पहले की थीं. इस जांच के निष्कर्ष के लिए आगे की जांच की आवश्यकता है. इसलिए मामला अब क्षेत्रीय निदेशक को सौंप दिया गया है.
वहीं एमजी मोटर इंडिया का कहना है कि कंपनी को हाल ही में ऐसी किसी भी जांच के बारे में सूचित नहीं किया गया है. न ही उसे एमसीए या इसकी किसी भी एजेंसी ने कंपनी के खातों को कॉर्पोरेट प्रशासन मानकों के बारे में अधिक विवरण प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है.