Apple और Samsung को मार्जिन के मामले पीछे छोड़ने के बाद दूसरी प्रतिद्वंदी कंपनियों को मात देने के लिए चीनी स्मार्टफोन ब्रांडों ने तैयारी तेज कर दी है. जिसके चलते ये कंपनियां दूसरे ब्रांडों की तुलना में खुदरा विक्रेता और वितरकों को ज्यादा मार्जिन दे रही हैं. इससे भारतीय हैंडसेट बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है. चीनी मोबाइल कंपनियां भारत में अपना दबदबा कायम रखना चाहती हैं. उदाहरण के लिए Xiaomi और Realme ने 2023 की चौथी तिमाही में अपने मार्जिन को पहले के 4% से दोगुना करके 8-11% कर दिया है. ऐसा करते ही वे Apple और Samsung से आगे निकल गए हैं, क्योंकि दोनों कंपनियां महज 8-10% मार्जिन की पेशकश करते हैं, जबकि ओप्पो और वीवो ने भी त्योहारी सीज़न के मार्जिन को 16-16% बनाए रखा है.
काउंटरप्वाइंट रिसर्च के अनुसार टॉप चीनी हैंडसेट ब्रांडों की संयुक्त बाजार हिस्सेदारी एक साल पहले के 74% की तुलना में तीसरी तिमाही में घटकर 73% हो गई है, ऐसे में उन्होंने मार्जिन बढ़ाने का फैसला किया है. बाजार पर नज़र रखने वालों और उद्योग से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि इस कदम से चीनी ब्रांडों को मार्केट में बने रहने में मदद मिल सकती है. भले ही उनके व्यवसाय आजकल सरकारी जांच के दायरे में आ गए हों, खासकर वीवो जिसके अंतरिम मुख्य कार्यकारी अधिकारी को हाल ही में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और जमानत पर रिहा किया गया था. इस बीची चीनी कंपनियों की रणनीति काम आ सकती है.
पिछले साल से चीनी ब्रांड, खासतौर पर Xiaomi और Realme ऑफलाइन रिटेल पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं. काउंटरप्वाइंट रिसर्च के अनुसंधान निदेशक, तरुण पाठक का कहना है कि ज्यादा मार्जिन खुदरा विक्रेताओं को ब्रांड और उत्पादों के बारे में ग्राहकों को ज्यादा से ज्यादा बताने के लिए प्रोत्साहित करेगा. ये ब्रांड अब ऑनलाइन और ऑफलाइन बिक्री का 50-50 रेशियो रखना चाहते हैं. पहले यह लगभग 60:40 या 70:30 का था. उन्होंने यह भी कहा कि प्रतिस्पर्धी रूप से उत्पादों का मूल्य निर्धारण एक चुनौती होगी क्योंकि बढ़ते मार्जिन और ऑफलाइन खुदरा क्षेत्र में विस्तार की अतिरिक्त लागत को इस साल लॉन्च होने वाले नए उत्पादों की कुल कीमत में शामिल करना होगा.