चीन में बनने वाले स्मार्टफोन का प्रोडक्शन अब जल्द ही भारत में होगा. दरअसल चीन की सबसे बड़ी मोबाइल फोन निर्माता बीबीके ग्रुप ने भारतीय निर्माताओं डिक्सन टेक्नोलॉजीज और कार्बन ग्रुप से हाथ मिलाया है. इस साझेदारी के तहत कंपनी भारत में ओप्पो, वीवो और रियलमी स्मार्टफोन का उत्पादन शुरू करने जा रही है. दरअसल, सरकार के द्वारा विदेशी कंपनियों पर दबाव डाला जा रहा है कि वे भारत में घरेलू कंपनियों के साथ साझेदारी में विनिर्माण गतिविधियों में हिस्सा लें.
उद्योग से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि वीवो और रियलमी ने हाल ही में कार्बन के स्वामित्व वाले प्लांट के जरिए कुछ हैंडसेट का निर्माण शुरू किया है. उनके अनुसार, डिक्सन कॉन्ट्रैक्ट मैन्यूफैक्चरिंग के लिए ओप्पो और वीवो के साथ डील करने के अंतिम चरण में है. कार्बन प्लांट में वीवो और रियलमी की मासिक उत्पादन क्षमता लगभग दस लाख यूनिट है, जबकि डिक्सन का उत्पादन शुरू में कम होगा. चूंकि ओप्पो और वीवो ने पीएलआई लाभों के लिए आवेदन नहीं किया था, इसलिए अनुबंध निर्माताओं के साथ साझेदारी की गई थी. ऐसा करने से उन्हें प्रतिस्पर्धी बनने में मदद मिलेगी.
चीन की कंपनियों पर बढ़ी सख्ती
अधिकारियों के मुताबिक चीनी स्मार्टफोन कंपनियां पिछले कुछ वर्षों में कथित सीमा शुल्क और आयकर चोरी से लेकर मनी लॉन्ड्रिंग के लिए जांच के दायरे में है. यही वजह है कि ऐसी कंपनियां अपने क्षमता विस्तार के लिए खुद के प्लांटों में सीधे निवेश करने को लेकर सतर्क हैं. बीते दिनों आईआर बैंक खाते भी फ्रीज कर दिए गए थे, जिससे उन्हें व्यवसाय करने के लिए कानूनी सहारा लेना पड़ा था. कुछ साल पहले सीमा पर तनाव बढ़ने के बाद चीनी कंपनियां भारत में दबाव में आ गईं.
भारतीय सरकार ने बनया दबाव
केंद्र सरकार चीन की मोबाइल फोन कंपनियों को उत्पादन और वितरण के लिए स्थानीय स्तर पर साझेदारी करने को कह रही है. साथ ही वरिष्ठ प्रबंधन भूमिकाओं में भारतीय अधिकारियों को नियुक्त करने के लिए प्रेरित कर रही है. सरकार चाहती है कि उस देश की कंपनियां भारत में अधिक वैल्यू एडिशन करें, जिसमें कंपोनेंट् का स्थानीय निर्माण भी शामिल है. डिक्सन के प्रबंध निदेशक अतुल लाल ने पिछले महीने निवेशकों को बताया था कि कंपनी दो बड़े वैश्विक मोबाइल फोन ब्रांडों के साथ बातचीत के अंतिम चरण में है. अगले कुछ महीनों में सबसे बड़े वैश्विक ब्रांडों में से एक के लिए उत्पादन शुरू हो जाएगा और एक अन्य ग्राहक के लिए इसे अगले चार से छह महीनों के भीतर शुरू होना चाहिए.
किस ब्रांड की कितनी हिस्सेदारी?
डिक्सन पहले से ही सैमसंग, मोटोरोला और श्याओमी के लिए स्मार्टफोन बनाता है. मार्केट रिसर्चर काउंटरपॉइंट टेक्नोलॉजी के अनुसार, 2023 में सैमसंग 18% हिस्सेदारी के साथ देश का सबसे बड़ा स्मार्टफोन ब्रांड था, इसके बाद वीवो (17%), श्याओमी (16.5%), रियलमी (12%) और ओप्पो (10.5%) थे. काउंटरपॉइंट के अनुसार, चीनी ब्रांडों की 2023 में स्मार्टफोन बाजार में 74% हिस्सेदारी थी, जो 2019 में 72% थी.