एडटेक स्टार्टअप्स BYJU’S को जिन निवेशकों ने एक समय फर्श से उठाकर अर्श पर पहुंचाया था, उन्हींं निवेशकों ने BYJU’S को अब फिर से अर्श से फर्श पर ला दिया है. पुन: मूषक भव एक प्राचीन कहानी है. जिसमें एक ऋषि चुहे को बचाने के लिए उसे शेर बना देते हैं. लेकिन जब शेर बना चूहा ऋषि पर हमला करता है, तो ऋषि उसे फिर से चूहा बना देते हैं. BYJU’S की स्थिति भी इसी चूहे की तरह है. जिन निवेशकों ने उसे यूनिकॉर्न बनाया अब उन्हीं निवेशकों के साथ उसकी लड़ाई चल रही है.
दुनिया के सबसे बड़े एसेट मैनेजर ब्लैकरॉक ने तीसरी बार बायजू (BYJU’S) में अपनी होल्डिंग्स की वैल्यूएशन कम कर दी है. इससे एडटेक कंपनी की मुश्किलें और बढ़ गई हैं. ब्लैकरॉक के ऐसा करने से BYJU’S का मूल्यांकन 22 अरब डॉलर (लगभग 1,852 अरब रुपए) से लगभग 95 फीसद घटकर अब केवल एक अरब डॉलर (लगभग 83 अरब रुपए) रह गया है. ब्लैकरॉक के पास BYJU’S की एक फीसद से भी कम हिस्सेदारी है. इससे पहले ब्लैकरॉक ने 2023 की मार्च तिमाही के अंत में शेयरों का मूल्य 8.2 अरब डॉलर आंका था.
बता दें Byju’s ने 2021 में आकाश एजुकेशनल सर्विसेज (AESL) को 1 अरब डॉलर (करीब 7,300 करोड़ रुपए) में खरीदा था. यह भारतीय टेक जगत की सबसे बड़ी डील थी. मगर इसके बाद से बायजू के हालात बिगड़ गए. नवंबर 2023 में, प्रवर्तन निदेशालय (ED) को BYJU’S के विदेशी फंडिंग से संबंधित कानूनों का उल्लंघन करके 9 हजार करोड़ की हेराफेरी करने के सबूत मिले थे. अप्रैल, 2023 में ED ने BYJU’S के सह-संस्थापक रवींद्रन और उनकी पैरेंट कंपनी ‘थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड’ के खिलाफ विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के प्रावधानों के तहत मुकदमा दर्ज किया था. ED ने कंपनी को नोटिस जारी कर 9,000 करोड रुपए जमा करने को कहा था. तब से एडटेक कंपनी पैसे जुटाने के लिए संघर्ष कर रही है.
बायजू ने पिछले साल दिसंबर में अपनी वार्षिक आम बैठक आयोजित की थी, जहां निवेशकों ने रवींद्रन से कंपनी की वित्तीय स्थिति और फर्म के मामलों की स्थिति पर प्रकाश डालने की मांग की. साथ ही निवेशकों ने दो टूक कहा कि कंपनी में क्या चल रहा है, इसकी पूरी स्पष्टता शेयरधारकों को बताई जानी चाहिए. निवेशकों ने बायजू से यह भी कहा कि इस पारदर्शिता के साथ ही वे आगे चलकर किसी भी तरह से फर्म का समर्थन कर सकेंगे. उन्होंने वित्त वर्ष 2023 की ऑडिटेड वित्तीय रिपोर्ट भी जल्द से जल्द उपलब्ध कराने की अपनी मांग को दोहराया. निवेशकों की इन मांगों के चलते रवींद्रन पर दोहरा दबाव है.