हांगकांग और सिंगापुर के मुकाबले इस साल भारत में फाइनेंस प्रोफेशनल्स की सैलरी ज्यादा बढ़ेगी. यह इस बात का संकेत है कि चीन की धीमी गति की वजह से कंपनियां भारत की आर्थिक तेजी का फायदा उठा रही हैं. ब्लूमबर्ग ने कंसल्टिंग फर्म एओन के सर्वे का हवाला देते हुए कहा है कि 2024 में भारत में बैंककर्मियों और फाइनेंस प्रोफेशनल्स की सैलरी लगभग 10 फीसद बढ़ सकती है.
विस्तार कर रहे हैं बड़े ग्रुप
एचएसबीसी होल्डिंग्स पीएलसी और जूलियस बेयर ग्रुप लिमिटेड दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश में अपने ग्राहक सलाहकारों को बढ़ा रहे हैं क्योंकि वे देश की संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा प्रबंधित करना चाहते हैं. विश्लेषक ने लिखा, मित्सुबिशी यूएफजे फाइनेंशियल ग्रुप इंक भी विस्तार कर रहा है और डीबीएस ग्रुप होल्डिंग्स लिमिटेड का विकास जारी है.
इस मामले में पीछे भारत
इन्वेस्टमेंट बैंकर्स पहले से ही भारत के प्रमुख शहरी केंद्रों जैसे मुंबई और गिफ्ट सिटी, में सिंगापुर और हांगकांग की तुलना में ज्यादा कमा सकते हैं. ब्लूमबर्ग इंटेलिजेंस के रिक्रूटर माइकल पेज के विश्लेषण के अनुसार, औसत बेस सैलरी हांगकांग की तुलना में 4.5 फीसद ज्यादा और सिंगापुर की तुलना में 7.7 फीसद ज्यादा है. हालांकि, नॉन-एक्जिक्यूटिव रोल्स में प्राइवेट बैंकरों का वेतन 50 से 78 फीसद तक पीछे है. जैसे-जैसे भारत की वेल्थ इंडस्ट्री बढ़ेगी, यह अंतर कम होगा.
क्यों बढ़ती रहेगी सैलरी
भारत में सीनीयर लेवल पर डिमांड-सप्लाई का बड़ा अंतर की वजह से वेतन में वृद्धि जारी रहेगी. बैंक व्यवसाय प्रमुखों को ज्यादा भुगतान कर रहे हैं और सीनियर लीडर्स के लिए 10 लाख डॉलर से ज्यादा का वेतन आम बात है.
भारत में रहने की लागत कम
रिपोर्ट के मुताबिक, हालांकि भारत में सिंगापुर और हांगकांग की तुलना में हाई टैक्स रेट और कमजोर बुनियादी ढांचा है, लेकिन रहने की कम लागत एक लाभ है. रिपोर्ट में पाया गया कि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, मुंबई के पॉश इलाके बांद्रा में औसत मासिक किराया 1.76 डॉलर प्रति वर्ग फुट है, जबकि हांगकांग में 5.29 डॉलर और सिंगापुर में 5.09 डॉलर है.