राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLT) ने आइनॉक्स विंड के खिलाफ दिवाला कार्यवाही शुरू करने की अपील खारिज कर दी है. कंपनी को परिचालन के लिए कर्ज देने वाले एक ऋणदाता ने यह अपील दायर की थी.
एनसीएलएटी की तीन सदस्यसीय पीठ ने इस मामले में राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण की चंडीगढ़ पीठ के फैसले को उचित ठहराया है. एनसीएलटी ने इस बारे में जीआरआई टावर्स इंडिया की अपील खारिज कर दी थी.
अपीलीय न्यायाधिकरण ने कहा कि दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (IBC) किसी कार्य के बकाया की वसूली का जरिया नहीं है. जीआरआई उपकरण और श्रमबल उपलब्ध कराने के कारोबार से जुड़ी है.
जीआरआई ने एनसीएलटी में अपील दायर कर 1.7 करोड़ रुपए की चूक का दावा किया था. इसमें भुगतान में देरी का ब्याज भी शामिल है. हालांकि, एनसीएलटी ने उसकी अपील खारिज कर दी थी.