चीन की सरकारी ऑयल कंपनी सिनोपेक को श्रीलंका में ऑयल रिफायनरी लगाने के लिए मंजूरी मिलने जा रही है. श्रीलंका के एनर्जी मनिस्टर ने कहा है कि सोमवार को वहां की केंद्रीय कैबिनेट सिनोपेक को ऑयल रिफायनरी देने पर फैसला लेगी. इस ऑयल रिफायनरी के लिए चीन की कंपनी सिनोपेक करीब 4.5 अरब डॉलर का निवेश करेगी और ऑयल रिफायनरी को हंबनटोटा में स्थापित किया जाएगा.
ऑयल रिफायनरी को स्थापित करने के लिए सिनोपेक के साथ 2 कंपनियों ने बोली लगाई थी लेकिन दूसरी कंपनी पहले ही अपनी बोली वापस से चुकी है, ऐसे में रिफायनरी लगाने का काम सिनोपेक को मिलना लगभग तय है, सिर्फ सरकार को मंजूरी देना है. श्रीलंका के एनर्जी मंत्री ने कहा है कि केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी के बाद चीन से रिफायनरी स्थापित करने के एग्रीमेंट पर बातचीत की जाएगी.
श्रीलंका ने सबसे पहले इस ऑयल रिफायनरी को स्थापित करने के लिए सिंगापुर में एक भारतीय परिवार के स्वामित्व वाली कंपनी को 2019 में ठेका दिया था, उस समय इस परियोजना की लागत 3.85 अरब डॉलर थी. लेकिन वह कंपनी समय पर काम शुरू नहीं कर पाई थी, जिसके बाद वहां की सरकार ने रिफायनरी के लिए दी गई भूमित को वापस ले लिया था.
माना जाता है कि भारी कर्ज की वजह से आर्थिक संकट में फंसे श्रीलंका पर रिफायनरी स्थापित करने के लिए चीन की तरफ से दबाव बनाया गया है. चीन पर जितना द्वीपक्षीय कर्ज है उसका आधे से ज्यादा हिस्सा चीन का है. श्रीलंका पूरी तरह से चीन के कर्ज जाल में फंसा हुआ है और चीन इसी कर्ज का इस्तेमाल करके श्रीलंका में भूमी कब्जा रहा है.