भारत ने व्यापार नीति मंच (TPF) की बैठक में घरेलू कारोबारों को समय पर वीजा मिलने में आ रही दिक्कतों के बारे में अमेरिका से अपनी चिंताएं साझा करते हुए इस प्रक्रिया में तेजी लाने का आग्रह किया है. शनिवार को आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई.
भारतीय कारोबारों को वीजा का मुद्दा शुक्रवार को यहां आयोजित 14वीं टीपीएफ बैठक के दौरान प्रमुखता से उठाया गया. इसकी सह-अध्यक्षता अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन तेई और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने की. वाणिज्य मंत्रालय ने बयान में कहा कि दोनों मंत्रियों ने स्वीकार किया कि देशों के बीच पेशेवर और कुशल श्रमिकों, छात्रों, निवेशकों और व्यापारिक आगंतुकों की आवाजाही द्विपक्षीय आर्थिक और तकनीकी साझेदारी को बढ़ाने में काफी योगदान देती है.
संयुक्त बयान के अनुसार, “गोयल ने वीजा प्रसंस्करण में लगने वाले समय की वजह से भारत से व्यापार आगंतुकों को पेश आ रही चुनौतियों पर प्रकाश डाला और अमेरिका से इस प्रक्रिया में तेजी लाने का अनुरोध किया.” एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि भारत ने अमेरिका से भारतीय एच1बी वीजाधारकों के लिए वीजा का नवीनीकरण अमेरिका में ही किए जाने को एक स्थायी प्रक्रिया बनाए जाने की मांग की है ताकि पेशेवरों को इसके लिए भारत न आना पड़े.
फिलहाल अमेरिका में इसके लिए ‘स्टेट साइड’ सुविधा एक प्रायोगिक कार्यक्रम के तहत चल रही है. ‘स्टेट-साइड’ सुविधा का मतलब है कि एच1बी वीजा वाला व्यक्ति इसे अमेरिका में ही नवीनीकृत करा सकता है. अधिकारी ने कहा, “अब, हम इसे स्थायी बनाने के लिए कह रहे हैं, और हम इस सुविधा को न केवल मूल वीजाधारक बल्कि उसके परिवार के लिए भी विस्तारित करने के लिए कह रहे हैं. इससे परिवार को वीजा नवीनीकरण के लिए भारत वापस नहीं आना पड़ेगा.
इसके अलावा भारत ने अमेरिका से अनुरोध किया है कि वह भारत को ई1 और ई2 वीजा के लिए ‘अनुमोदित संधि देश’ के रूप में मान्यता दे. ये वीजा व्यापारियों और निवेशकों के लिए जारी किए जाते हैं. फिलहाल भारत इस वीजा के लिए अमेरिका का अनुमोदित संधि देश नहीं है. दोनों पक्षकारों ने भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने में पेशेवर सेवाओं की भूमिका को भी स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि पेशेवर योग्यता और अनुभव की मान्यता से संबंधित मुद्दे सेवा व्यापार को सुविधाजनक बना सकते हैं. बयान के मुताबिक, दोनों देश द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गैर-शुल्क बाधाओं को कम करने के लिए एक तंत्र स्थापित करने पर सहमत हुए हैं. बैठक में भारतीय पक्ष ने झींगे की एक किस्म श्रिम्प के निर्यात पर अमेरिका में लगा प्रतिबंध हटाने की भी मांग की क्योंकि इससे भारतीय मछुआरों और निर्यात पर असर पड़ रहा है.