टाटा समूह की विमानन कंपनी एयर इंडिया जल्द ही अपने 200 कर्मचारियों की छंटनी कर सकता है. एयरलाइंस कंपनी अपने व्यवसाय को उठाने के मकसद से ऐसा कर सकती है. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एयर इंडिया का कहना है कि उसके 1 प्रतिशत से भी कम कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जाएगा क्योंकि उन्होंने स्वैच्छिक रिटायरमेंट योजनाओं में भाग नहीं लेने या कंपनी की री-स्किल डेवलपमेंट पहल का लाभ नहीं उठाने का विकल्प चुना है.
ग्रुप कैरियर एयर इंडिया एक्सप्रेस में वर्तमान में 6,200 से अधिक लोग कार्यरत हैं, वहीं एयर इंडिया में 18,500 से अधिक कर्मचारी हैं. जब टाटा समूह ने एयरलाइन खरीदी थी, तब कॉन्ट्रैक्ट पर करने वाले श्रमिकों सहित कुल 12,085 कर्मचारी थे. बता दें जनवरी 2022 से घाटे में चल रही एयरलाइन का टाटा ने अधिग्रहण कर लिया है और तब से बिजनेस मॉडल को सुव्यवस्थित करने के प्रयास जारी हैं. एयर इंडिया के निजीकरण के दौरान, सरकार और नए मालिकों के बीच एक समझौता हुआ जिसके तहत प्रत्येक कर्मचारी को एक वर्ष के लिए काम पर रखना जरूरी था.
15 दिनों की आय के बराबर मिलेगा मुआवजा
ईटी की रिपोर्ट के अनुसार छंटनी किए गए कर्मचारियों को सेवा के प्रत्येक वर्ष के लिए 15 दिनों की आय के बराबर मुआवजा पैकेज मिलेगा. कंपनी छंटनी प्रक्रिया दौरान सभी संविदात्मक दायित्वों को पूरा करने की कोशिश कर रही है. कंपनी के प्रवक्ता का कहना है कि वे नई एयर इंडिया के विकास को देख रहे हैं. इस परिवर्तन के लिए कंपनी के बिजनेस मॉडल के तहत एक चुस्त और प्रभावी संगठनात्मक संरचना का निर्माण करना होगा. फिटमेंट प्रक्रिया के हिस्से के रूप में, गैर-उड़ान कार्यों में कर्मचारियों को संगठनात्मक आवश्यकताओं और व्यक्तिगत योग्यता के आधार पर भूमिकाएं सौंपी गई हैं.
नए कर्मचारियों को दिया मौका
बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप को एयर इंडिया ने अपने व्यापक स्टाफ पुनर्गठन में मदद की जिम्मेदारी सौंपी. एयरलाइन ने संगठनात्मक पदों में फेरबदल किया और नई प्रतिभाओं को काम पर रखा. इतना ही नहीं परियोजना के हिस्से के रूप में नए कर्मचारियों के बराबर मौजूदा कर्मचारियों के लिए वेतन भी बढ़ाया गया.