एविएशन मिनिस्ट्री ने एअर इंडिया एक्सप्रेस एयरलाइन के उड़ानों को रद्द करने पर एअर इंडिया एक्सप्रेस से रिपोर्ट मांगी है. एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि मंत्रालय ने उड़ानों को रद्द करने के संबंध में एअर इंडिया एक्सप्रेस से एक रिपोर्ट मांगी है और उनसे मुद्दों को जल्द ही हल करने को कहा है. एयरलाइन को नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के नियमों के अनुसार यात्रियों को सुविधाएं मुहैया कराने की भी सलाह दी गई है.
एयर इंडिया एक्सप्रेस की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही है. क्रू सदस्यों की कमी से जहां एयरलाइन कंपनी पहले से ही जूझ रही है, वहीं एक साथ कई केबिन क्रूे सदस्यों के एक साथ छुट्टी पर चले जाने से कंपनी की दिक्कत और बढ़ गई है. नतीजतन एयर इंडिया एक्सप्रेस को अपनी 80 उड़ानें रद्द करनी पड़ी. वहीं कई फ्लाइट्स ने देरी से उड़ाने भरी. ऐसे में यात्रियों को दिक्क्तों का सामना करना पड़ रहा है.
एयरलाइन के एक प्रवक्ता ने कहा कि केबिन क्रू के एक वर्ग ने कल रात से आखिरी मिनट में बीमार होने की सूचना दी है, जिसके परिणामस्वरूप उड़ान में देरी हुई और कुछ फ्लाइट्स कैंसल करनी पड़ी. कंपनी इन मसलों पर क्रू के साथ बातचीत कर रही है. हमारी टीमें सक्रिय रूप से इस मुद्दे पर नजर बनाए हुए है ताकि यात्रियों को होने वाली किसी भी असुविधा को कम किया जा सके.
यात्रियों को मिलेगा रिफंड
एयरलाइन ने इस अप्रत्याशित रुकावट के लिए यात्रियों से माफी मांगी. साथ ही इस कैंसलेशन से प्रभावित पैसेंर्ज को रिफंड देने की बात कही. एयरलाइन के मुताबिक यात्री या तो अगले 7 दिनों के भीतर उड़ान को रीशेड्यूल करने का विकल्प चुन सकते हैं या चैट बॉट टिया के जरिए पूर्ण रिफंड का अनुरोध कर सकते हैं. कंपनी ने यात्रियों से यह भी अपील की कि वे एयरपोर्ट पर जाने से पहले यह जांच लें कि उनकी उड़ान प्रभावित हुई है या नहीं.
खराब मैनेजमेंट का लगाया था अरोप
पिछले महीने एयरलाइन के केबिन क्रू के एक समूह का प्रतिनिधित्व करने वाले एक संघ ने आरोप लगाया था कि एयरलाइन का मैनेजमेंट सही नहीं है. कर्मचारियों के साथ व्यवहार में समानता की कमी है. एयर इंडिया एक्सप्रेस कर्मचारी संघ (AIXEU) ने आरोप लगाया कि मामलों के कुप्रबंधन से कर्मचारियों के मनोबल पर भी असर पड़ा है.