जब दुनिया में इजराइल—हमास और रूस—यूक्रेन जैसे दो युद्ध जारी हैं, ताइवान को लेकर चीन और अमेरिका आमने सामने हैं, दोनों आर्थिक शक्तियों के बीच ट्रेड वार भी चरम पर है, लेकिन इस तनातनी के बीच जब चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग 6 साल बाद अमेरिका पहुंचे, तो उन्होंने जो बिडन के साथ पहला समझौता और एक मादक दवा फेंटेनाइल को लेकर किया. ये सुनकर आपको ही नहीं दुनिया के हर शख्स को आश्चर्य होगा.
चीनी राष्ट्रपति ने इन मादक दवाओं पर रोक लगाने पर सहमति व्यक्त की है. आइए जानते हैं कि फेंटेनाइल क्या है, अमेरिका में इसकी वजह से कोहराम क्यों मचा है और बिडन शी समझौते के बाद क्या क्या बदलेगा?
सबसे पहले फेंटेनाइल की बात कर लेते हैं. यह एक सिंथेटिक मादक दवा है. इसके प्रभाव की बात करें तो यह मॉर्फीन से 100 गुना अधिक और हेरोइन से 50 गुना अधिक शक्तिशाली है. 1998 में अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा इस दवा को एनाल्जेसिक यानि एक दर्द निवारक दवा के रूप में अनुमोदित किया गया था. अमेरिकी शहरों की सड़कों पर यह दवा धड़ल्ले से बिकती है. इसे कोड भाषा में चाइना गर्ल या चायना टाउन के नाम से जाना जाता है.
फेंटेनाइल किसी भी दूसरी ड्रग की तरह शरीर पर बुरा प्रभाव डालती है. अमेरिकी ड्रग प्रशासन ने फेंटेनाइल और फेंटेनाइल युक्त दवाओं को “बेहद खतरनाक” करार दिया है.
अब जान लेते हैं कि यह ड्रग्स अमेरिका में कितना कोहराम मचा चुका है. इस गोली की लत अमरीकियों को अपने आगोश में ले चुकी है. बीते एक साल में फेंटेनल की ओवरडोज के चलते अमेरिका में 70 हजार लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. फेंटेनल में उपयोग आने वाला एक अहम रसायन चीन से आयात होता है. अमेरिका चीन से कई बार इस रसायन की सप्लाई पर रोक लगाने को कह चुका है. 2017 में ट्रंप प्रशासन के साथ एक समझौता भी हुआ था. लेकिन चीन इसके कोई खास परिणाम दिखाई नहीं कर पाए हैं.
अमेरिका के ड्रग एन्फोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन के अनुसार, यूएस में फेंटनाइल की तस्करी सीधे मेक्सिको और चीन से होती है. इन देशों से फेंटेनाइल के अलावा दूसरे ड्रग्स और रसायन भी तस्करी के माध्यम से अमेरिका पहुंचते हैं. अमेरिकी एजेंसियां मादक दवा से जुड़े कैमिकल की सप्लाई का मुख्य स्रोत चीन को ही मानती हैं. अक्सर इन्हें इलेक्ट्रॉनिक या दूसरे सामान में छिपाकर अमेरिका लाया जाता है.
अब जानते हैं कि इस मामले में नया क्या हुआ है. चीनी राष्ट्रपति 2017 के बाद पहली बार अमेरिका पहुंचे हैं. वे एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग शिखर सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं. इस दौरान सैन फ्रांसिस्को में बिडन और जिनपिंग के बीच बैठक हुई है. जिसमें फेंटनाइल को लेकर समझौता हुआ है. इस समझौते के तहत चीन अब इन मादक दवाओं के सीधे आयात के अलावा इनके निर्माण में उपयोग आने वाले कैमिकल पर भी रोक लगाने को राजी हो गया है. अभी तक चीन दवाओं के सप्लायर्स पर रोक लगाने की बात कहता रहा है. लेकिन ताजा करार के बाद.. अब न सिर्फ इस सिंथेटिक ड्रग्स के निर्माण औस सप्लाई पर रोक लगेगी. वहीं इस बनाने में उपयोग आने वाले कैमिकल के मैन्युफैक्चरर्स पर भी लगाम कसी जाएगी. इस पूरी कवायद के साथ अमेरिका चीन और मैक्सिको में चल रहे ड्रग तस्करों के कार्टेल पर भी रोक लगाएगा.