भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पेटीएम बैंक के बाद अब एक और बैंक पर सख्ती दिखाते हुए उसके लाइसेंस को रद्द कर दिया है. जय प्रकाश नारायण नागरी सहकारी बैंक बसमतनगर, महाराष्ट्र की मौजूदा वित्तीय स्थिति को देखते हुए मंगलवार को उसका लाइसेंस रद्द कर दिया. आरबीआई के मुताबिक, यह सहकारी बैंक मौजूदा हालात में अपने जमाकर्ताओं को पूर्ण रूप से भुगतान कर पाने में असमर्थ होगा. ऐसे में, रिजर्व बैंक ने यह सख्ती दिखाई है.
‘बैंकिंग’ व्यवसाय से हुआ प्रतिबंधित
लाइसेंस रद्द किए जाने के बाद बैंक को ‘बैंकिंग’ व्यवसाय से प्रतिबंधित कर दिया गया है. इसमें तत्काल प्रभाव से जमा स्वीकार करना और जमा का पुनर्भुगतान भी शामिल है. केंद्रीय बैंक ने बयान जारी कह कहा कि सहकारिता आयुक्त और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, महाराष्ट्र से इस बैंक को बंद करने और एक परिसमापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है.
जमाकर्ता के पैसों का क्या होगा?
सहकारी बैंक के परिसमापन पर उसके हरेक जमाकर्ता को जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से पांच लाख रुपये तक की जमा बीमा दावा पाने का अधिकार होगा. रिजर्व बैंक ने कहा कि बैंक द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, लगभग 99.78 प्रतिशत जमाकर्ता डीआईसीजीसी से अपनी जमा राशि की पूरी राशि पाने के हकदार हैं. यानी ग्राहकों को आरबीआई ने राहत दी है.
पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं
आरबीआई ने कहा, ‘जय प्रकाश नारायण नागरी सहकारी बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं. ऐसी स्थिति में बैंक अपने जमाकर्ताओं को पूरा भुगतान नहीं कर पाएगा.’ आरबीआई ने छह फरवरी, 2024 को कारोबार समाप्ति से बैंक का लाइसेंस रद्द करते हुए कहा कि इस बैंक का बने रहना उसके जमाकर्ताओं के हितों के लिए नुकसानदेह है. इससे पहले भी आरबीआई ने कई सहकारी बैंकों पर सख्ती दिखाते हुए उनके लाइसेंस को कैंसिल कर दिया है.