अदानी समूह पर कोयला आपूर्ति में गड़बड़ी को लेकर उठे सवालों के बावजूद निवेशकों का भरोसा कंपनी पर कायम है. इसकी झलक समूह के मार्केट कैप में आए उछाल के साथ देखने को मिली. अदानी समूह की लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप बुधवार को 11,300 करोड़ रुपए बढ़कर 200 अरब डॉलर (16.9 लाख करोड़ रुपये) पर फिर से पहुंच गया. पिछले दो दिनों में समूह का मार्केट कैप 56,250 करोड़ रुपए बढ़ चुका है.
धोखाधड़ी की जताई गई थी आशंका
लंदन स्थित अखबार ‘फाइनेंशियल टाइम्स’ की रिपोर्ट में ‘आर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (ओसीसीआरपी) के दस्तावेजों का हवाला देते हुए अदानी समूह को लेकर एक बड़ी बात कही गई. रिपोर्ट में अदानी समूह के 2013 में खराब गुणवत्ता वाले कोयले को अधिक मूल्य के ईंधन के रूप में बेचकर धोखाधड़ी करने की आशंका जताई गई. पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सहित विपक्षी नेताओं ने अखबार में छपी इस रिपोर्ट का हवाला देते हुए कथित गड़बड़ी की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की मांग की. हालांकि समूह ने ऐसे सभी आरोपों से इंकार किया.
समूह ने आरोपों को बताया बेबुनियाद
अदानी समूह के एक प्रवक्ता ने कहा कि कोयले की गुणवत्ता का परीक्षण स्वतंत्र रूप से किया गया था. साथ ही सीमा शुल्क अधिकारियों और तमिलनाडु जेनरेशन एंड डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी के अधिकारियों ने भी इसकी जांच की थी. इतना नहीं आपूर्ति किए गए कोयले की एजेंसियों ने विभिन्न जगहों पर विस्तृत तौर पर इसकी गुणवत्ता जांच की थी. रिपोर्ट में दिसंबर, 2013 में जिस जहाज के जरिए कोयला ले जाने का जिक्र किया गया है, वास्तव में वह जहाज फरवरी, 2014 से पहले इंडोनेशिया से कोयला लाने के लिए इस्तेमाल ही नहीं किया गया था. प्रवक्ता ने यह भी कहा कि ये आरोप केवल कोयले के फ्री ऑन बोर्ड और सीआईएफ (लागत, बीमा, माल ढुलाई) मूल्य में अंतर पर आधारित हैं. इसमें जीसीवी कोयले की आपूर्ति के लिए आंकड़ों का उपयोग कर एक अंदाजा लगाया गया है, जो पूरी तरह से बेबुनियाद है.