अदानी समूह (Adani Group) ने अंबुजा सीमेंट्स व एसीसी के अधिग्रहण की खातिर लिए गए कर्ज के निपटान के लिए नया लोन लिया है. अदानी समूह ने 10 अंतरराष्ट्रीय बैंकों से 3.5 अरब डॉलर का नया कर्ज लिया है. ये तीन साल तक की मैच्योरिटी अवधि के लिए किया गया समझौता है. समूह ने कहा कि इस कदम से अदाणी सीमेंट वर्टिकल के लिए लागत में 30 करोड़ डॉलर की बचत होगी. कंपनी के इस कदम से सीमेंट वर्टिकल का शुद्ध कर्ज-एबिटा अब 2 गुने के अंदर है.
अदानी समूह की ओर से लिए गए लोन में DBS बैंक फर्स्ट अबु धाबी बैंक, मिजुहो बैंक और MUFG बैंक लीड मैनेजर बुक रनर और अंडरराइटर हैं. वहीं डीबीएस बैंक, फर्स्ट अबु धाबी बैंक, मिजोहो बैंक और एमयूएफजी बैंक ने इस लेनदेन के लिए लीड अरेंजर व बुकरनर और अंडरराइटर के तौर पर काम किया। इसके अतिरिक्त, बार्कलेज बैंक पीएलसी, बीएनपी पारिबा, डॉयचे बैंक एजी, आईएनजी बैंक, सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉरपोरेशन और स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक ने इस लेनदेन के लिए लीड अरेंजर व बुकरनर के तौर पर काम किया है.
बता दें सितंबर 2022 में गौतम अदानी ने दो सीमेंट इकाइयों, अंबुजा सीमेंट्स व एसीसी में प्रमोटर हिस्सेदारी का अधिग्रहण 6.6 अरब डॉलर में किया था. इसके बाद ही अदाणी सीमेंट देश की दूसरी सबसे बड़ी सीमेंट निर्माता बन गई. इस समय अंबुजा सीमेंट्स और ACC की संयुक्त उत्पादन क्षमता 67 MTPA है, जो सांघी सीमेंट के अधिग्रहण की घोषणा के साथ 2025 तक 100 MTPA तक पहुंच जाएगी.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रिफाइनेंसिंग के लिए अदानी ग्रुप ने बैंकों के साथ महीनों बातचीत की है.हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद से अदानी ग्रुप को काफी नुकसान पहुंचा था. अदानी समूह के शेयर बाजार में लिस्ट सभी 10 कंपनियों के शेयरों में काफी गिरावट आई थी. इससे गौतम अदानी की संपत्ति भी प्रभावित हुई थी.