एनर्जी सेक्टर से लेकर अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अपना दबदबा कायम करने के बाद अब अदानी समूह ने तांबा इंडस्ट्री में एंट्री ली है. अदानी एंटरप्राइजेज की सहायक कंपनी कच्छ कॉपर ने गुरुवार को गुजरात के मुंद्रा में अपनी ग्रीनफील्ड कॉपर रिफाइनरी परियोजना की शुरुआत की. इसके अलावा अदानी समूह ने अंबुजा सीमेंट में भी अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है. इसमें लगभग 6,662 करोड़ रुपए का निवेश किया गया, जिससे उसकी हिस्सेदारी 63.15 प्रतिशत से बढ़कर लगभग 67 प्रतिशत हो गई है.
दो फेज में लगाए जा रहे प्लांट
कच्छ कॉपर दो फेज में 10 लाख टन क्षमता का प्लांट लगा रही है. पहले फेज में करीब 1.2 अरब डॉलर का निवेश किया जाएगा. वहीं दूसरे चरण का काम पूरा करने के बाद यह दुनिया का सबसे बड़ा सिंगल स्मेल्टर लोकेटर होगा. स्मेल्टर का मतलब है ऐसा प्रोसेस जिसके जरिए अयस्क को धातु में बदला जाता है.
तांबे की मांग को पूरा करने में मिलेगी मदद
कंपनी के अनुसार पहले चरण पर काम अगले महीने से शुरू कर दिया जाएगा. इससे भारत की तांबे की बढ़ती मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी. मार्च 2029 तक इसे 1 मिलियन टन तक विस्तारित करने की योजना है. समूह का लक्ष्य संसाधनों की स्थिर आपूर्ति बनाए रखना है. इसके जरिए तांबे के आयात पर भारत की निर्भरता कम होने और देश को स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों की ओर बढ़ने में मदद मिलेगी.
रोजगार के बनेंगे अवसर
अदानी समूह इस मेटल प्लांट के जरिए तांबा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनकर उभरना चाहता है. साथ ही इसका मकसद 2030 तक दुनिया का सबसे बड़ा तांबा गलाने वाला कॉम्प्लेक्स बनाना है. जानकारों के मुताबिक भारत में प्रति व्यक्ति तांबे की खपत 2030 तक दोगुनी होने की उम्मीद है. साथ स्वच्छ ऊर्जा की ओर झुकाव और इलेक्ट्रिक वाहनों के बढ़ने से तांबे की मांग में वृद्धि होगी. अदानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदानी का कहना है कि तांबा प्लांट शुरू होने से भारत को एक स्थायी और आत्मनिर्भर भविष्य की ओर ले जाने में मदद मिलेगी. घरेलू तांबा उद्योग बेहतर पर्यावरणीय प्रबंधन के साथ ग्रीन इकोसिस्टम को मजबूत करके 2070 तक देश के कार्बन तटस्थता के लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. इतना ही नहीं प्लांट की वजह से रोजगार के भी अवसर बनेंगे. इससे 2,000 प्रत्यक्ष और 5,000 परोक्ष नौकरी के मौके बनेंगे.
मैन्युफैचरिंग क्षमता बढ़ाने में मिलेगी मदद
गौतम अदानी के परिवार ने अंबुजा सीमेंट्स में लगभग 6,662 करोड़ रुपए का निवेश किया, जिससे सीमेंट निर्माता की मैन्युफैक्चरिंग क्षमता को बढ़ाने में मदद मिलेगी. निवेश से अदानी की हिस्सेदारी सीमेंट कंपनी में 63.15 प्रतिशत से बढ़कर लगभग 67 प्रतिशत हो गई है. अंबुजा कंपनी ने गुरुवार को एक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा अदानी ने वारंट को शेयरों में बदल कर अपनी हिस्सेदारी बढ़ा दी है. अदानी परिवार को उम्मीद है कि सीमेंट निर्माता अपनी विनिर्माण क्षमता को 2028 तक 140 मिलियन टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) तक बढ़ा देगा, जो 31 दिसंबर तक 76.1 एमटीपीए थी.