अब तक आपने ब्लूचिप से लेकर लार्जकैप, मिडकैप, स्मॉलकैप और फ्लेक्सीकैप जैसी कई कैटेगरी देखी होगी लेकिन भारत में अब ESG फंड्स चर्चा में है. म्यूचुअल फंड्स कई निवेशकों से रकम जमा कर एक तय कैटेगरी में निवेश करते हैं – उनके नाम में ये कैटेगरी बताई गई होती है. लेकिन ये ESG क्या है?
ESG का मतलब है एन्वायरमेंट, सोशल और गवर्नेंस. यानि सिर्फ उन कंपनियों में निवेश करना जो इन पैमानों पर सही प्रैक्टिस का पालन करती हैं. जिनके गवर्नेंस – मैनेजमेंट में कर्मचारियों का ध्यान रखा जा रहा है, जो कंपनियां समाज के प्रति अपनी नैतिक जिम्मेदारी निभा रही हैं और जो पर्यावरण को हो रहे नुकसान को लेकर भी जागरुक हैं और उस दिशा में कदम उठा रही हैं.
एक्सपर्ट्स का मानना है कि भविष्य में उन्ही कंपनियों में तेज ग्रोथ की संभावना है जो इन मानदंड़ों के आधार पर बिजनेस विस्तार कर रही हैं और इसका असर उनकी कमाई पर भी दिखता है.
क्या इनमें निवेश करना सही?
मिराए एसेट इन्वेस्टमेंट के CEO स्वरूप मोहंती मानते हैं कि कोविड-19 महामारी के दौर में ऐसी कंपनियों पर फोकस और बढ़ा है. जिन कंपनियों ने कर्मचारियों और समाज के प्रति जिम्मेदारी के साथ काम किया है उनके लिए भविष्य में ग्रोथ के मौके और होंगे क्योंकि उनके बिजनेस में काम-काम को लेकर अड़चनें नहीं होंगी.
स्वरूप के मुताबिक निवेशकों में भी इन कंपनियों की ओर रुझान बढ़ा है क्योंकि फंड के रिटर्न यानि कमाई पर कोई समझौता किए बिना सिर्फ अच्छे मैनेजमेंट वाली कंपनियों में निवेश करने का मौका मिल रहा है. स्वरूप मोहंती के मुताबिक ESG फंड्स ने बाजार को महामारी के दौरान आउटपरफॉर्म किया है. वे मानते हैं कि बड़ी कंपनियों को भी भविष्य में सस्टेनेबल होने के लिए ESG पैमानों का पालन करना होगा.
ESG फंड्स नए निवेशकों के लिए भी सही है क्योंकि इनमें लंबी अवधि में ग्रोथ जारी रहने की संभावना है. स्वरूप मोहंती के मुताबिक फिलहाल भारत में ESG के लिए रिसर्च आउटसोर्स किया जा रहा है. इंडेक्स फंड की ही तरह अब ESG में भी पैसिव फंड आ रहे हैं. स्वरूप मोहंती के साथ पूरी चर्चा यहां देखें –