पहली अप्रैल से पूरे देश में म्यूचुअल फंड के नए नियम लागू हो चुके हैं. इन नियमों के तहत सिर्फ वहीं निवेशक बिना रोकटोक ट्रांजेक्शन कर सकते हैं जिन्होंने अपना KYC अपडेट कर ‘केवाईसी वैलिडेटेड’ (KYC Validated) का स्टेटस हासिल किया है. वहीं KYC ऑन होल्ड स्टेटस का मतलब है कि ग्राहक ने अभी तक अपना KYC अपडेट नहीं किया है. ऐसे ग्राहक म्यूचुअल फंड्स में लेन देन नहीं कर सकते हैं. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स ऑफ इंडिया (AMFI) के नए डेटा से पता चला है कि लगभग 3% म्यूचुअल फंड खातों को ‘KYC होल्ड’ का स्टेटस मिला हुआ है.
दरअसल कई लोग KYC प्रोसेस में मुश्किलों का सामना करने की बात कह रहे हैं. इस पर AMFI के सीईओ वेंकट चलसानी ने कहा कि वो सभी के लिए एक सहज KYC की वेरिफिकेशन प्रोसेस की सुविधा के लिए प्रतिबद्ध हैं.
बड़ा मुद्दा नहीं है KYC
ईटी ने महिंद्रा मैनुलाइफ म्यूचुअल फंड के एमडी एवं सीईओ एंथनी हेरेदिया के हवाले से कहा है कि अमाउंट से ट्रांजेक्शन का नंबर एक बेहतर इंडिकेटर है. उन्होंने आगे कहा कि KYC कोई बड़ी समस्या नहीं है. जिन्होंने शायद पांच साल, आठ साल पहले निवेश किया है, उन्हें थोड़ी बहुत समस्या हो सकती है लेकिन साइबर फ्रॉड के जमाने में अपने डेटा को वैलिडेटेड फॉर्म में रखना अच्छी बात है. मासिक आंकड़ों से पता चला कि अप्रैल में म्यूचुअल फंड फोलियो 18,14,68,286 के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गए.
नहीं कर पाएंगे लेन देन
पहले की एक रिपोर्ट के अनुसार, अधूरे KYC की वजह से 1.3 करोड़ म्यूचुअल फंड खाते ‘होल्ड पर’ बताए गए थे क्योंकि कई व्यक्तियों ने शुरूआती KYC प्रक्रिया के दौरान गैर-आधार और गैर-आधिकारिक वैध दस्तावेज दिए थे. इसलिए SEBI के नए नियमों के अनुसार, 1 अप्रैल, 2024 से ‘ऑन होल्ड’ KYC स्टेट वाले निवेशक म्यूचुअल फंड में कोई भी लेनदेन नहीं कर पाएंगे.
अलग-अलग कैटगरी में बांटा गया KYC
दरअसल KYC के आधार पर खातों को अलग-अलग कैटगरी में बांटा गया है. पहला स्टेटस ‘KYC Validated’ है. इसके तहत बिना किसी रोक टोक के म्यूचुअल फंड में लेन देन किया जा सकता है. KYC Registered वाले अपने सभी मौजूदा म्यूचुअल फंड्स में खरीदारी, रिडेम्पशन, स्विचिंग या एसआईपी जैसे लेन-देन कर सकते हैं. लेकिन इन्हें नए म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले अपना केवाईसी दोबारा कराना होगा. मोबाइल या फोन नंबर वैलिडेट नहीं होना, पैन-आधार लिंक नहीं होना या केवाईसी दस्तावेज से जुड़ी किसी कमी की वजह से निवेशकों को ‘KYC On-Hold’ या ‘KYC Rejected’ का स्टेटस दिया गया है. कमी को ठीक करने के बाद निवेशक को ‘KYC Validated’ या ‘KYC Registered’ का स्टेटस मिल जाएगा.