शेयर बाजार की तेजी के बीच निवेशकों ने स्मॉलकैप म्यूचुअल फंड्स में जमकर निवेश किया है. शेयर बाजार की रिकॉर्ड ऊंचाई के दौर में ये फंड शानदार रिटर्न भी दे रहे हैं और निवेशकों के दुलारे बने हुए हैं. लेकिन जानकार कहते हैं कि अब इन फंड्स में निवेश पर सचेत रहने की जरूरत है.
एक रिपोर्ट के अनुसार, जून 2023 में कुल इक्विटी पोर्टफोलियो में स्मॉलकैप फोलियो का हिस्सा करीब 2.7 फीसद बढ़कर 12.2 फीसद तक पहुंच गया है.. यह इक्विटी फंड के सभी कैटेगिरी में सबसे ज्यादा है. जून के अंत तक इक्विटी फोलियो की कुल संख्या 10 करोड़ की रिकॉर्ड ऊंचाई तक पहुंच गई है. जून में स्मॉलकैप फंड्स के फोलियो में 6.9 लाख की बढ़ोतरी हुई है.
क्या है बढ़त की वजह
कई स्मॉलकैप फंड ने अपने बेंचमार्क इंडेक्स के मुकाबले ऊंचा रिटर्न दिया है. BSE SmallCap index ने भी इस साल में अब तक करीब 15 फीसद का रिटर्न दिया है, जबकि इस दौरान सेंसेक्स ने करीब 7 फीसद का ही रिटर्न दिया है.
स्मॉलकैप फंड असल में बाजार में चीते की चाल चलने वाले स्मॉलकैप शेयरों में निवेश करते हैं. स्मॉलकैप शेयरों ने लॉन्ग और शॉर्ट टर्म दोनों में बढ़िया रिटर्न दिया है.. इस वजह से निवेशक इन्हें पसंद कर रहे हैं.
पुणे के Wishing Tree Fin (OPC) Pvt. Ltd की फाउंडर नेमा छाया बुच ने बताया, ‘स्मॉलकैप शेयर सबके दुलारे हो गए हैं क्योंकि बाजार की मौजूदा तेजी में इनका वैल्युएशन बढ़ता जा रहा है और लोगों को आकर्षक रिटर्न मिल रहा है. निवेशकों को ऐसा लगता है कि यह तेजी अभी बनी रहेगी. इसलिए इसलिए वे आक्रामक तरीके से इस तेजी का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं.’
म्यूचुअल फंड्स ने भी स्मॉलकैप शेयरों में निवेश कर अच्छा फायदा कमाया है. मार्केट कैप कैटेगराइजेशन सीमा की वजह से स्मॉलकैप सेगमेंट में कई नई अच्छी कंपनियां शामिल हो गई हैं. जानकार निवेशकों ने डिफेंस और फार्मा सेक्टर में कई वैल्युएबल कंपनियों की तलाश की है. निवेशक अब ऐसी कंपनियों में ज्यादा रुचि दिखा रहे हैं जिनका मार्केट कैप कम है.
निवेश रोकने लगे AMC
हालत यह है कि कई म्यूचुअल फंड्स ने अब निवेश लेना बंद कर दिया है. SBI Small Cap Fund सिर्फ 25 हजार रुपए महीने तक के SIP में ही निवेश ले रहा है. निप्पन इंडिया स्मॉलकैप फंड ने भी अस्थायी रूप से लमसम इनवेस्टमेंट पर रोक लगा दी है. टाटा स्मॉलकैप फंड ने भी नए निवेश लेने पर रोक लगा दी है.
असल में पिछले महीनों में स्मॉलकैप फंड्स में जो रिकॉर्ड निवेश आया है, उससे कई म्यूचुअल फंड के लिए समस्याएं खड़ी हो गई हैं. समस्या यह है कि मार्केट की तेजी में स्मॉलकैप शेयर काफी महंगे हो गए हैं, यानी उनका वैल्यूएशन काफी बढ़ गया है. ऐसे में भला ये फंड निवेश कहां करें?
किस बात की आशंका
शेयर बाजार की तेजी के दौरान स्मॉलकैप शेयर तेज रफ्तार पकड़ चुके हैं. जब बाजार बढ़ता है तो इनमें सबसे पहले बढ़त आती है. लेकिन बाजार में गिरावट के दौर में ये शेयर तेजी से गिरने भी लगते हैं. इसलिए निवेशकों को ज्यादा सचेत रहकर निवेश करना होगा. कई एक्सपर्ट यह चेतावनी दे चुके हैं कि बाजार अपने पीक पर है और आगे इसमें बड़ी गिरावट आ सकती है. ऐसे में खासकर स्मॉलकैप शेयरों और स्मॉलैकप फंड्स के निवेशकों को काफी सचेत रहना होगा. जो शेयर अपने वैल्युएशन के पीक पर हैं, उनमें निवेश से बचना सही सही है.
स्मॉलकैप फंड में निवेश करना क्या सही है?
अगर कोई स्मॉलकैप म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहता है, तो उसके लिए क्या सलाह होगी? इस सवाल पर Morningstar India के डायरेक्टर मैनेजर रिसर्च कौस्तुभ बेलापुरकर ने कहा, ‘अगर आप 10 साल के होराइजन के लिए निवेश करना चाहता है तो ही इनमें निवेश करना सही रहेगा. लॉन्ग टर्म में ये फंड अच्छी संपदा का सृजन कर सकते हैं. शॉर्ट टर्म में तो इनमें उतार-चढ़ाव बढ़ सकता है. इनमें निवेश करने के साथ ही निवेशकों को अपना एसेट आवंटन सही तरीके का रखना चाहिए’