कितने काम के है रिटायरमेंट म्यूचुअल फंड, क्या इनमें पैसा लगाना सही है?

Retirement Mutual Funds: अक्सर रिटायरमेंट म्यूचुअल फंड्स के कई वेरिएंट आते हैं, इनमें इक्विटी और डेट दोनों ऐसेट क्लास में ऐलोकेशन के मुताबिक वेरिएंट तय होते हैं.

Your retirement life can be a lot of fun if you have already done this planning

रिटायरमेंट प्लानिंग में देरी करना सही नहीं है. कम उम्र में प्लानिंग से ज्यादा फायदा होता है. 25-35 की उम्र से रिटायरमेंट प्लानिंग की शुरुआत करनी चाहिए.

रिटायरमेंट प्लानिंग में देरी करना सही नहीं है. कम उम्र में प्लानिंग से ज्यादा फायदा होता है. 25-35 की उम्र से रिटायरमेंट प्लानिंग की शुरुआत करनी चाहिए.

Retirement Mutual Fund: रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए आप सोच रहे हैं तो बिल्कुल सही दिशा में सोच रहे हैं. लेकिन, अब जब आपने लक्ष्य तय कर लिया है कि ये पैसा रिटायरमेंट पर चाहिए, तो भी जान लें कि आपके लिए कौन से निवेश बेहतर होंगे. आज के दौर में सिर्फ FD या बैंक बैलेंस के भरोसे रिटायरमेंट का गुजारा होना मुश्किल है. बढ़ती महंगाई और बदलती लाइफस्टाइल को देखते हुए आपको अपने प्रोविडेंट फंड में जमा रकम से ज्यादा पैसों की जरूरत पड़ सकती है.

निवेशकों के लिए ऐसे कई प्रोडेक्ट हैं जो रिटायरमेंट के नाम पर ऑफर किए जाते हैं. कई लोग यूलिप प्लान में भी रिटायरमेंट के लिहाज से निवेश करते हैं. वहीं, म्यूचुअल फंड में भी कई एसेट मैनेजमेंट कंपनियां रिटायरमेंट फंड देती हैं. इनमें निवेश कितना फायदेमंद है?

कैसे काम करते हैं रिटायरमेंट म्यूचुअल फंड?

अक्सर रिटायरमेंट म्यूचुअल फंड्स (Retirement Mutual Funds) हाइब्रिड फंड्स होते हैं. ऐसे फंड जिनमें इक्विटी और डेट दोनों ऐसेट क्लास में निवेश हो. म्यूचुअल फंड होने के नाते आप SIP के जरिए भी निवेश कर सकते हैं. लेकिन, अधिक्तर रिटायरमेंट फंड्स में 5 साल तक का लॉक-इन होता है.

हैरान मत होइएगा अगर आपको एक ही AMC से रिटायरमेंट फंड के अलग-अलग वेरिएंट देखने को मिलें. ये वेरिएंट एसेट एलोकेशन के मुताबिक अलग होते हैं. किसी में इक्विटी में निवेश ज्यादा है तो किसी में डेट कैटेगरी में.

हाालंकि, इक्विटी का जोखिम ले सकते हैं तो इक्विटी की ओर ज्यादा निवेश वाले रिटायरमेंट फंड भी मौजूद हैं.  इन स्कीमों में अक्सर इक्विटी, एग्रेसिव, प्रोग्रेसिव जैसे शब्द लिखें होंगे जिसके जरिए आप इनकी पहचान कर सकते हैं.

बतौर रिटर्न देखें, तो इन स्कीमों ने एक साल में 35-51 फीसदी तक के रिटर्न दिए हैं. ध्यान रहे, ये वो साल था जब शेयर बाजार में बड़ी गिरावट दिखी थी और वहां से रिकवरी. 3 साल में 9-13 फीसदी के रिटर्न मिले हैं जबकि 5 साल की अवधि में 10-15 फीसदी तक की कमाई हुई है.

वहीं, डेट की ओर ज्यादा एक्सपोजर वाले या कंजर्वेटिव रुख रखने वाले रिटायरमेंट म्यूचुअल फंड्स ने 5 साल की अवधि में 7-9 फीसदी के बीच के रिटर्न दिए हैं.

आप चाहें तो मैच्योरिटी पर फंड से SWP चुन सकते हैं जिससे मंथली खर्च निकल जाए.

क्या आपको रिटायरमेंट म्यूचुअल फंड चुनना चाहिए?

ऑप्टिमा मनी मैनेजर्स के पंकज मठपाल कहते हैं कि रिटायरमेंट म्यूचुअल फंड में अतिरिक्त कोई फायदा नहीं है. बल्कि, इसमें 5 साल का लॉक-इन होने से निवेशक जब चाहे तब पैसा नहीं निकाल सकता जो किसी अन्य इक्विटी फंड से निकाला जा सकता है.

अन्य इक्विटी स्कीम ने ज्यादा इक्विटी एक्सपोजर वाले रिटायरमेंट म्यूचुअल फंड से बेहतर रिटर्न दिया है.  यहां आप लार्जकैप-इक्विटी वाले स्कीम का प्रदर्शन देख सकते हैं. पिछले एक साल में लार्जकैप फंड्स ने 65 फीसदी तक के रिटर्न के साथ बेहतर प्रदर्शन दिखाया है.

वहीं, कंजर्वेटिव हाइब्रिड फंड्स – ऐसे फंड्स जिनका डेट की ओर निवेश ज्यादा है उनमें भी रिटर्न बेहतर रहे हैं.

पंकज मठपाल कहते हैं कि निवेशकों को यूलिप प्लान में भी निवेश से बचना चाहिए. निवेश और इंश्योरेंस को हमेशा अलग रखें.

Published - June 3, 2021, 06:35 IST