आरबीआई की ओर से निर्धारित निवेश सीमा का उल्लंघन किए जाने के बाद से सेबी ने एमएफ योजनाओं के सभी विदेशी निवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन अब ये रोक हट सकती है. सेबी जल्द ही भारतीय म्यूचुअल फंड योजनाओं को ऐसे विदेशी एमएफ और यूनिट ट्रस्ट में निवेश करने की अनुमति देगा, जो अपने एसेट का कुछ हिस्सा भारतीय एक्सचेंज में निवेश करते हैं. सेबी ने यह फैसला भारत की मजबूत आर्थिक विकास संभावनाओं को देखते हुए लिया है.
सेबी की ओर से शुक्रवार को जारी एक परामर्श पत्र में कहा गया कि भारतीय एक्सचेंज विदेशी फंडों के लिए एक आकर्षक निवेश अवसर प्रदान करती हैं, चूंकि विभिन्न अंतरराष्ट्रीय सूचकांक, ईटीएफ, एमएफ, यूटी अपनी एसेट का एक हिस्सा भारतीय एक्सचेंज में लगाते हैं. ऐसे में ये देश के आर्थिक विकास के लिए फायदेमंद होगा. परामर्श पत्र में एमएफ योजना को ऐसे विदेशी म्यूचुअल फंडों में निवेश करने की अनुमति देने का प्रस्ताव किया गया है, जिनका भारतीय एक्सचेंजों में 20 प्रतिशत से कम निवेश है. परामर्श पत्र पर निवेशकों से सेबी ने 7 जून तक राय मांगी है.
क्या है प्रस्ताव?
सेबी की ओर से जारी परामर्श पत्र में विदेशी म्यूचुअल फंडों में निवेश की अनुमति देने का प्रस्ताव किया गया है. इसके लिए शर्त यह है कि ऐसे फंडों को भारतीय एक्सचेंज में निवेश 20 प्रतिशत से कम होना चाहिए. निवेश सीमा के उल्लंघन पर योजना पोर्टफोलियो को सही करने के लिए छह महीने का समय दिया जाएगा. इस अवधि के दौरान कोई नया निवेश या सदस्यता की अनुमति नहीं दी जाएगी. सेबी ने यह भी सुझाव दिया है कि विदेशी एमएफ योजनाओं के निवेशकों के योगदान को एक ही निवेश माध्यम में एकत्रित किया जाना चाहिए. साथ ही सभी निवेशकों को उनके योगदान के रेशियो के हिसाब से फंड से रिटर्न का हिस्सा मिलना चाहिए. इसके अलावा म्यूचुअल फंडों को एक स्वतंत्र फंड मैनेजर नियुक्त करना चाहिए, जो फंड के सभी निवेश निर्णय लेने में सक्रिय रूप से शामिल हो.