म्यूचुअल फंड योजनाओं के ऑफर दस्तावेजों यानि SID को आसान बनाने और निवेशकों के लिए इसे पढ़ने लायक बनाने के लिए बाजार नियामक सेबी ने निर्देश दिए हैं. इसके लिए बाजार नियामक ने एक सरल प्रारूप तैयार किया है. संशोधित प्रारूप का उद्देश्य निवेशकों के लिए जरूरी जानकारी को ठीक तरीके से पहुंचाना, एसआईडी की तैयारी को तर्कसंगत बनाना और म्यूचुअल फंड के इसके आवधिक अपडेशन की सुविधा को बेहतर बनाना है. सेबी ने इस सिलसिले में एक सुर्कलर जारी कर कहा कि बदला हुआ फॉर्मेट 1 अप्रैल, 2024 से लागू होगा. एसआईडी फॉरमेट में बदलाव का फैसला एएमएफआई के सुझावों और सेबी की म्यूचुअल फंड सलाहकार समिति की सिफारिशों के बाद लिया गया.
संशोधनों को प्रभावी बनाने के लिए नियामक ने कई प्रावधानों में बदलाव किया है. इसके तहत योजना के पोर्टफोलियो होल्डिंग्स जारीकर्ता की ओर से शीर्ष 10 होल्डिंग्स और विभिन्न क्षेत्रों के लिए फंड आवंटन की जानकारी एक वेब लिंक से किया जाएगा. जहां इस तरह के डेटा को होस्ट किया जाएगा. साथ ही, एएमसी के निदेशक मंडल और अन्य प्रमुख कर्मियों द्वारा योजना में कुल निवेश के बारे में जानकारी एमएफ योजना के अतिरिक्त सूचना विवरण (एसएआई) में प्रदान किए जाएंगे.
सेबी ने कहा कि अलग पोर्टफोलियो का निर्माण वैकल्पिक होगा. इसे तभी बनाया जाना चाहिए जब योजना के एसआईडी में एसएआई में किए गए विस्तृत खुलासे के साथ अलग पोर्टफोलियो के लिए तय नियम हो. इसके अलावा एएमसी को प्रारंभिक पेशकश आवेदन पत्र, एसआईडी और मुख्य सूचना ज्ञापन (केआईएम) और सामान्य आवेदन पत्र के पहले पन्ने पर जानकारी के साथ बेंचमार्क के जोखिम का खुलासा करना होगा.