कोरोना काल ने बचत, खर्च और निवेश के ताोल-मेल को बदला है. जिन्होंने बचत और निवेश किया उन्होंने तो उसकी वैल्यू समझी लेकिन जिन लोगों ने निवेश नहीं किया उन्होंने भी इसकी अहमियत समझी. पैंडेमिक की शुरुआत में पहले लोग FD जैसे सेफ इंस्ट्रूमेंट की तरफ बढ़े थे लेकिन गिरते हुए ब्याज दर ने समझा दिया कि ज्यादा रिटर्न चाहिए तो कैपिटल मार्केट से जुड़ना होगा. यहीं वजह है कि लॉकडाउन और लॉकडाउन के बाद रिकॉर्ड SIP अकाउंट और डीमैट अकाउंट खुले. केवल जनवरी में 17 लाख नए डीमैट अकाउंट खुले तो वहीं असोशिएसन ऑफ म्यूचुअल फंड्स ऑफ इंडिया के मुताबिक 16.44 लाख SIP अकाउंट जुड़े. Money9 से एक्सक्लूसिव बातचीत में SBI Mutual Funds के CBO, डी पी सिंह बताते हैं कि भारतीय निवेशक मैच्योर हो रहें हैं और अच्छे रिटर्न के लिए कैपिटल मार्केट के रिस्क को समझकर निवेश कर रहें हैं.
भारत में निवेश करने वालों की तादाद बढ़ी
पिछले दस साल में भारत में निवेश करने वालों की तादाद बढ़ी है और इसमें MF की तरफ बढ़ता रूझान भी दिख रहा है. पहले लोगों के निवेश का 10 परसेंट हिस्सा अगर MF जेसे फाइनेंशियल एसेट में रहता था तो लॉकडाउन के पहले MF में लोगों के निवेश की हिस्सेदारी 22 परसेंट हो गई था. लॉकडाउन के दौरान लोगों नें इसे समझकर इसमें निवेश को बढ़ाना शुरू कर दिया है. SBI Mutual Funds के CBO, डी पी सिंह बताते हैं कि देश के 97% पिनकोड में SBI के MF में निवेश हो रहा है.
नए निवेशकों के लिए क्या है जरूरी
नॉर्थ ईस्ट, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों से जहां लोग कम निवेश करते थे वो भी अब MF में निवेश की शुरूआत कर रहें हैं. नए निवेशक के लिए बेहद जरूरी है कि सिम्पल बेसिक प्रोडक्ट लाएं जाएं जिसमें छोटे SIP के ज़रिए लोग एंट्री ले सकें. भारत जैसे बड़े देश में निवेश की संभावनाएं बहुत हैं अभी अगर 9.5 करोड़ फोलियो हैं तो जरूरी नहीं कि सब MF में निवेश कर रहें हों ऐेसे में काफी ज्यादा लोगों के जुड़ने की गुंजाइश है. कम से कम 10 करोड़ SIP अकाउंट हो सकते हैं हमारे देश में.
KYC प्रोसेस को आसान किया
घर बैठे आसानी से डीमैट खोलने की प्रक्रिया की वजह से ज्यादा लोग डीमैट खोल पाए वैसे ही MF के KYC प्रोसेस को आसान किया गया है और उम्मीद है कि और ज्यादा लोग आसानी से जुड़ पाएंगे. डी पी सिंह कहते हैं कि नए निवेशक को कुछ बातों का ख्याल रखना बेहद जरूरी है- हमेशा निवेश लंबे समय का करें, बाजार के शॉर्ट टर्म ट्रेंड से प्रेरित होकर फैसला न लें और अपनी कमाई का 25 परसेंट हमेशा निवेश करें.
माइक्रो- SIP को अपग्रेड करना जरूरी
ज्यादा लोगों तक पहुंचने के लिए कम कीमत वाले छोटे SIP अच्छी शुरूआत हो सकते हैं. 100, 500, 1000 रूपए के माइक्रो- SIP लोगों से शुरूआत करने में निवेशक ज्यादा कॉन्फिडेंट रहते हैं लेकिन रिटर्न कमाना है तो माइक्रो- SIP को अपग्रेड करना जरूरी है.