म्यूचुअल फंड उद्योग की सबसे पुरानी यूटीआई एसेट मैनेजमेंट कंपनी (UTI AMC) फिर चर्चाओं में है. देश के चार बड़े शीर्ष संस्थान इस कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बेच रहे हैं. पंजाब नेशनल बैंक (PNB), एलआईसी (LIC), एसबीआई (SBI) और बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB) ने अपनी हिस्सेदारी बेचने की योजना बना ली है. ये सभी चार संस्थान यूटीआई एएमसी में कुल मिलाकर 45.16 फ़ीसदी की हिस्सेदारी रखते हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के अऩुसार ये संस्थान हिस्सेदारी बेचने के लिए बोली लगाने पर विचार कर रहे हैं और बोली प्रक्रिया को शुरू करने के लिए इन सभी ने मर्चेंट बैंकर्स को भी नियुक्त किया है. इससे पहले चर्चा थी कि टाटा ग्रुप (Tata Group) इन चारों सरकारी संस्थानों से यूटीआई एएमसी में बड़ी हिस्सेदारी खरीदना चाह रहा है लेकिन कंपनी ने औपचारिक बोली प्रक्रिया का पालन करने पर जोर दिया तो बात बिगड़ गई.
यूटीआई एसेट मैनेजमेंट कंपनी ने मार्च 2023 को खत्म हुई तिमाही में कर के बाद हुए लाभ में 59 फ़ीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की और ये ₹86 करोड़ रुपए रहा. वहीं एक साल पहले इसी तिमाही में कंपनी का कर चुकाने के बाद लाभ ₹54 करोड़ रुपए रहा था. यूटीआई एएमसी ने एक नियामक फाइलिंग में इस बात की जानकारी दी है.
इससे पहले 2019 में, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एलआईसी, एसबीआई और बीओबी को दिसंबर 2020 तक यूटीआई एसेट मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड में अपनी हिस्सेदारी कम करने के लिए कहा था. म्यूचुअल फंड के लिए सेबी के क्रॉस-होल्डिंग मानदंड कहते हैं कि एक AMC का स्पॉन्सर किसी दूसरी AMC में 10 फ़ीसदी से अधिक की हिस्सेदारी नहीं रख सकता है. इस समय यूटीआई में सरकारी वित्तीय संस्थानों में सबसे ज़्यादा 15.22 फ़ीसदी की हिस्सेदारी पंजाब नेशनल बैंक की है. जबकि बाकी तीनों संस्थानों (LIC, SBI और BOB) में हर एक के पास 9.97 फ़ीसदी की हिस्सेदारी है. इनके अलावा टाटा म्यूचुअल फंड, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड, मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी जैसे प्राइवेट संस्थानों की भी UTI में हिस्सेदारी है. सरकारी संस्थानों की हिस्सेदारी कौन खरीदेगा, अभी इसका खुलासा नहीं हुआ है.