फ्रैंकलिन टेंपलटन मामलाः सेबी के आदेश पर SAT ने लगाई रोक

SEBI ने फ्रैंकलिन टेंपलटन से बतौर इनवेस्टमेंट मैनेजमेंट और एडवाइजरी फीस वसूली गई 512 करोड़ रुपये की रकम ब्याज समेत वापस करने के लिए कहा था.

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फ्रैंकलिन टेंपलटन के निवेशकों को छठी किस्त में 2,918 करोड़ रुपये मिलेंगे

फ्रैंकलिन टेंपलटन के निवेशकों को छठी किस्त में 2,918 करोड़ रुपये मिलेंगे

फ्रैंकलिन टेंपलटन एसेट मैनेजमेंट (इंडिया) (Franklin Templeton Asset Management) ने सोमवार को कहा है कि सिक्योरिटीज अपीलेट ट्राइब्यूनल (SAT) ने सेबी (SEBI) के उस आदेश पर रोक लगा दी है जिसमें इस एसेट मैनेजमेंट कंपनी को अगले दो साल तक नई डेट स्कीमों को लॉन्च करने से रोक दिया गया था.

इसके अलावा, SEBI ने फ्रैंकलिन टेंपलटन से बतौर इनवेस्टमेंट मैनेजमेंट और एडवाइजरी फीस वसूली गई 512 करोड़ रुपये की रकम को ब्याज समेत वापस करने के लिए कहा था. ये रकम कंपनी ने छह डेट स्कीमों में जुटाई थी जो कि अब बंद हो चुकी हैं.

SAT ने लगाया स्टे

फ्रैंकलिन टेंपलटन के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा है, “SEBI के होलटाइम मेंबर (WTM) के 7 जून 2021 को जारी किए गए आदेश के संदर्भ में Franklin Templeton Asset Management (India) ने SAT में एक अपील और स्टे के लिए एक एप्लिकेशन दायर की थी. पक्षों को सुनने के बाद SAT ने WTM के पास किए गए आदेश को लागू करने से रोक दिया है.”

प्रवक्ता ने कहा कि ये मामला अग्रिम दिशानिर्देश के लिए 30 अगस्त 2020 को लिस्ट किया गया है.

गंभीर उल्लंघनों से हुआ निवेशकों को नुकसान: सेबी

सेबी ने अपने आदेश में पाया था कि फ्रैंकलिन टेंपलटन एसेट मैनेजमेंट (इंडिया) ने “एक स्कीम कैटेगराइजेशन और मैकॉले कैलकुलेशन में गंभीर उल्लंघन/गलतियां (कई स्कीमों में हाई-रिस्क स्ट्रैटेजी को अपनाकर) की हैं.”

सेबी ने कहा था कि इसने लिक्विडिटी क्राइसिस के उभरने के दौरान एग्जिट ऑप्शन के नॉन-एक्सरसाइज में, सिक्योरिटीज वैल्यूएशन प्रैक्टिस, रिस्क मैनेजमेंट प्रैक्टिस और इनवेस्टमेंट आधारित जांच-पड़ताल में भी उल्लंघन किए हैं.

सेबी ने अपने आदेश में कहा था, “इन डेट स्कीम्स को चलाने में हुई अनियमितताओं के चलते निवेशकों को नुकसान हुआ है.”

अप्रैल 2020 में बंद कर दी थीं 6 स्कीमें

गौरतलब है कि फ्रैंकलिन टेंपलटन MF ने 23 अप्रैल 2020 को अपनी छह डेट म्यूचुअल फंड स्कीमों को बंद करने का ऐलान किया था. कंपनी ने कहा था रिडेम्पशन प्रेशर और बॉन्ड मार्केट में कम लिक्विडिटी के चलते उसे ऐसा करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.

फ्रैंकलिन इंडिया लो ड्यूरेशन फंड, फ्रैंकलिन इंडिया डायनेमिक एक्रुअल फंड, फ्रैंकलिन इंडिया क्रेडिट रिस्क फंड, फ्रैंकलिन इंडिया शॉर्ट टर्म इनकम प्लान, फ्रैंकलिन इंडिया अल्ट्रा शॉर्ट बॉन्ड फंड और फ्रैंकलिन इंडिया इनकम अपॉर्च्युनिटीज फंड में करीब 25,000 करोड़ रुपये का एसेट अंडर मैनेजमेंट था.

फॉरेंसिक ऑडिट का आदेश

इन स्कीमों को बंद करने के बाद सेबी (SEBI) ने कंपनी के फॉरेंसिक ऑडिट करने का आदेश दिया था. साथ ही फ्रैंकलिन टेंपलटन MF, फ्रैंकलिन टेंपलटन AMC और ट्रस्टीज, खासतौर पर छह डेट स्कीमों के फॉरेंसिक ऑडिट के लिए चोकसी एंड चोकसी LLP को नियुक्त कर दिया था.

Published - June 28, 2021, 03:01 IST