SIP या एकमुश्त रकम के निवेश पर नहीं ले पा रहे फैसला, तो काम आएगा STP

Mutual Funds: तरह STP (सिस्टेमैटिक ट्रांसफर प्लान) में एक सुरक्षित फंड से दूसरे ज्यादा जोखिम वाले फंड में धीरे-धीरे पैसे ट्रांसफर होते हैं. 

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काउंसिल फॉर इंटरनेशनल इकोनॉमिक अंडरस्टैंडिंग (CIEU-Council for International Economic Understanding) ने कहा, आईपीओ फंडिंग एक अधिक जोखिम वाला व्यवसाय है अगर यहां मुनाफा अधिक है तो घाटे की भी संभावना बनी रहती है.

काउंसिल फॉर इंटरनेशनल इकोनॉमिक अंडरस्टैंडिंग (CIEU-Council for International Economic Understanding) ने कहा, आईपीओ फंडिंग एक अधिक जोखिम वाला व्यवसाय है अगर यहां मुनाफा अधिक है तो घाटे की भी संभावना बनी रहती है.

बाजार की चाल अनिश्चितता के बीच फंसी हुई है. कोविड के बढ़ते मामलों और ग्लोबल संकेतों के चलते भारतीय बाजारों के लिए ये हफ्ता कमजोरी वाला रहा है. इस एक हफ्ते में निफ्टी-50 लगभग एक फीसदी की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है. क्या ऐसे में आपको म्यूचुअल फंड में एकमुश्त रकम का निवेश करना चाहिए? एकमुश्त निवेश करने पर आप ज्यादा जोखिम ले रहे होंगे, और जब इससे बेहतर इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजी है तो उसका फायदा क्यों ना उठाएं. ये स्ट्रैटेजी है STP की – सिस्टेमैटिक ट्रांसफर प्लान.

अब आप सोच सकते हैं कि बाजार की गिरावट तो खरीदारी का मौका है, और म्यूचुअल फंड में एकमुश्त निवेश कर लें लेकिन यहां एक बात गौर करने वाली है. बाजार में गिरावट बॉटम आउट हुई है या नहीं. मतलब ये कि क्या शेयर बाजार में इसके बाद आगे और गिरावट नहीं होगी? इस तरह के निवेश को मार्केट टाइम करने की कोशिश माना जाता है जो अगर सही तरीके से नहीं की गई तो आपकी प्लानिंग पर चोट लग सकती है. इस दिक्कत का हल है STP.

क्या है STP?

जिस तरह SIP (सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के जरिए आप छोटी-छोटी रकम को हर महीने या तिमाही म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं, उसी तरह STP (सिस्टेमैटिक ट्रांसफर प्लान) में एक सुरक्षित फंड से दूसरे ज्यादा जोखिम वाले फंड में धीरे-धीरे पैसे ट्रांसफर होते हैं.

उदाहरण के तौर पर, आप एकमुश्त रकम को किसी इक्विटी फंड में निवेश ना कर एक डेट फंड में डालते हैं. डेट फंड आपको निवेश की सुरक्षा और लिक्विडिटी तो देगा ही और साथ ही सेविंग्स खाते से बेहतर रिटर्न भी कमाकर देगा. अब इस डेट फंड से आप STP चालू करेंगे तो चुने हुए इक्विटी फंड में हर महीने छोटी-छोटी रकम निवेश होती रहेगी. ऐसा करने से आप रिस्क मैनेज कर पाएंगे. किस्तों में निवेश से कॉस्ट ऐवरेज का फायदा मिलेगा और बाजार के उतार-चढ़ाव से आपको चिंता नहीं रहेगी.

मान लीजिए आप एक लाख रुपये निवेश करना चाहते हैं तो इस एक लाख रुपये को 10-10 हजार रुपये की STP में बांटकर डेट से इक्विटी फंड में एक साल में निवेश कर सकते हैं.

एक ही बार में एक लाख रुपये निवेश कर देंगे तो बाजार की किसी गिरावट में आपको दिक्कत हो सकती है और रिकवरी के लिए और लंबा इंतजार करना पड़ सकता है.

STP में दें ध्यान

ध्यान रखें कि जब आप STP अपनाना चाहते हैं तो आपको एक ही एसेट मैनेजमेंट कंपनी का डेट और इक्विटी फंड चुनना होगा. अगर आपने SBI म्यूचुअल फंड चुना है तो जिस डेट फंड में आप एकमुश्त रकम निवेश करेंगे और जिस इक्विटी फंड में आप STP करेंगे वो दोनें इसी फंड हाउस के होने चाहिए.

STP को एक फंड से रिडेंप्शन माना जाता है तो इसलिए ऐसा फंड चुनें जिसमें एक्जिट लोड ना हो. अक्सर शॉर्ट ड्यूरेशन और लिक्विड डेट फंड में एक्जिट लोड नहीं होता. एक्जिट लोड वो चार्ज है जो AMC आपसे कम से कम अवधि तक निवेश ना बनाए रखने पर वसूलती है.

जो इक्विटी फंड आप चुनें वो आपके जोखिम और लक्ष्य के मुताबिक हो.

जब आप STP के लिए आवेदन देंगे तब आपको तय करना होगा कि आप हर हफ्ते, हर महीने या हर तिमाही STP करना चाहते हैं.

Published - May 14, 2021, 04:50 IST