बाजार के उतार-चढ़ाव से न हों परेशान, ये फंड दे सकते हैं शानदार रिटर्न

ऐसा इक्विटी फंड जो बाजार के उतार-चढ़ाव के बावजूद बेहतर प्रदर्शन करे, निवेशकों के पसंदीदा होते हैं

mutual fund

Multi Asset Funds: लोकसभा चुनाव के आगाज के साथ ही शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है. शेयरों में निवेश करने वाले निवेशक तो असमंजस में हैं हीं, म्‍यूचुअल फंड के निवेशक भी अभी उलझन में हैं कि किन फंडों में निवेश किया जाए. ऐसा इक्विटी फंड जो बाजार के उतार-चढ़ाव के बावजूद बेहतर प्रदर्शन करे, निवेशकों के पसंदीदा होते हैं. मल्‍टी एसेट फंड ऐसी ही एक कैटेगरी है.

शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव के बीच पिछले एक साल में मल्टी एसेट फंड ने शानदार रिटर्न दिया है. निप्पॉन इंडिया मल्टी एसेट फंड और एसबीआई मल्टी एसेट फंड ने क्रमश: 32.26% और 28.24% का रिटर्न दिया है. इक्वेशन फाइनेंशियल सर्विसेज के कपिल हुल्कर के अनुसार एक बेहतर मल्टी एसेट फंड वह है जिसका पोर्टफोलियो एलोकेशन डायवर्सिफायड है. इंवेस्‍ट करने से पहले निवेशकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे एक मल्टी एसेट फंड चुनें अपने एसेट एलोकेशन में बदलाव न करे.

बाज़ार का नियम कहता है कि एसेट क्लास अपने खुद के चक्र का पालन करते हैं. ऐसे में अंदाजा लगाना कभी आसान नहीं होता है. इसलिए निवेश के मामले में भेड़ चाल चलना और अपने पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाई न करना भी घाटे का कारण हो सकता है. म्यूचुअल फंड विश्लेषकों का मानना है कि एक डायवर्सिफायड पोर्टफोलियो वाले निवेशक कहीं अधिक सुरक्षित होते हैं. यहीं पर मल्टी एसेट फंड में निवेश करना महत्वपूर्ण है.

मल्टी एसेट फंड हाइब्रिड फंड हैं जो विभिन्न एसेट क्लास जैसे इक्विटी, डेट, कमोडिटी और अन्य में निवेश करते हैं. सेबी के नियमों के मुताबिक मल्टी एसेट फंडों को अपने एसेट आवंटन में विविधता लाने के लिए तीन या अधिक अलग-अलग एसेट क्लास में से प्रत्येक में अपने कुल एयूएम का न्यूनतम 10% निवेश करना होता है.

मल्टी एसेट फंड से अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए, निवेशकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि फंड एसेट एलोकेशन में बदलाव नहीं करता है और एक ऐसा फंड है जिसमें विविध परिसंपत्ति आवंटन पोर्टफोलियो है. उदाहरण के तौर पर निप्पॉन इंडिया मल्टी एसेट फंड तीन परिसंपत्ति वर्गों – इक्विटी, कमोडिटी और डेट में निवेश करता है. फंड का अंतरराष्ट्रीय इक्विटी में भी एक्सपोजर है जबकि सेबी ने इस साल 1 अप्रैल से वैश्विक बाजारों में नए एक्सपोजर पर रोक लगा दी है.

Published - May 23, 2024, 11:41 IST