Investment: अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य के लिहाज से कमजोर रहे पिछले वित्त वर्ष में म्यूचुअल फंड की ओर रुख करने वाले निवेशकों (Mutual Fund Investors) की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. वित्त मंत्रालय के जारी आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2020-21 में म्यूचुअल फंड से जुड़ने वाले नए निवेशकों की संख्या में 10 फीसदी की वृद्धि हुई है. 31 मार्च 2020 के 2.08 करोड़ नए निवेशकों के मुकाबले 31 मार्च 2021 को ये 2.28 करोड़ रही.
वहीं मंत्रालय के मुताबिक म्यूचुअल फंड बिजनेस में मैनेजेमेंट के अंतरगत एसेट (AUM) पिछले साल के 22.26 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 41 फीसदी बढ़कर 31 मार्च 2021 को 31.43 लाख करोड़ रुपये हो गया था. एसेट अंडर मैनेजमेंट वो पूंजि जिसे फंड मैनेज कर रहे हैं – मतलब निवेशकों की इनती पूंजी म्यूचुअल फंड्स में निवेश की गई है.
छोटे शहरों में भी म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का विस्तार हुआ है और इससे निवेशकों को आसानी हुई है. मंत्रालय के जारी आंकड़ों के मुताबिक टॉप 30 शहरों के नीचे जो छोटे शहर आते हैं उनकी और से निवेश (Investment) में बढ़त देखने को मिली है. इन शहरों की ओर से AUM 3.48 लाख करोड़ रुपये से 54 फीसदी बढ़कर 31 मार्च 2021 को 5.35 लाख करोड़ के पार निकल गई है.
31 मार्च 2021 तक के अपडेट के मुताबिक बाजार में 1,735 म्यूचुअल फंड स्कीमें हैं जिनमें निवेशक अपनी रणनीति, डायवर्सिफिकेशन, लक्ष्य और रिस्क लेने की क्षमता के मुताबिक निवेश कर सकते हैं.
इसी तरह 2020-21 के दौरान कॉरपोरेट बॉन्ड के 2003 इश्यू आए, जिनकी कुल राशि 7,82,427.39 करोड़ रुपये थी. इन इश्यू की संख्या में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जबकि इनसे जुटाई गई राशि 13.5 प्रतिशत बढ़ी.
बयान में कहा गया कि भारतीय पूंजी बाजार ने महामारी के प्रकोप से लगे झटकों को झेलने में अपनी मजबूती दिखाई है.
वित्त मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 महामारी के चलते पैदा हुई अनिश्चितता के बावजूद वित्त वर्ष 2020-21 में पब्लिक इश्यू और राइट इश्यू के जरिए जुटाए गए धन में क्रमश: 115 प्रतिशत और 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई. मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस दौरान 55 इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) और एक अनुगामी सार्वजनिक पेशकश आया. बयान के मुताबिक वित्त वर्ष में 21 राइट इश्यू आए, जबकि इससे पिछले साल यह आंकड़ा 17 था.
मंत्रालय ने कहा, ‘‘2020-21 के दौरान पब्लिक ऑफर और राइट इश्यू के जरिए क्रमश: 46,029.71 करोड़ रुपये और 64,058.61 करोड़ रुपये जुटाए गए, जबकि इससे पिछले साल यह आंकड़ा 21,382.35 करोड़ रुपये और 55,669.79 करोड़ रुपये था. यह पिछले साल की तुलना में 2020-21 के दौरान क्रमशः 115 प्रतिशत और 15 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है.’’
(PTI इनपुट के साथ)