म्यूचुअल फंड के सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIP) निवेशकों के लिए पसंदीदा विकल्प बनकर उभरे हैं. इसके जरिए बेहतर फंड तैयार करने में मदद मिलती है. इसमें कई सुविधाएं भी मिलती हैं लेकिन क्या आपको पता है अगर समय रहते किस्त का भुगतान नहीं किया गया तो यह निवेशक के वित्तीय सेहत पर खराब असर डाल सकता है. दरअसल एसआईपी कंपाउंडिंग के आधार पर बेहतर रिटर्न देते हैं. ऐसे में भुगतान में देरी होने पर निवेशक बाजार की गतिविधियों का लाभ उठाने से चूक सकते हैं. इसके अलावा भी अन्य कई तरह के नुकसान हो सकते हैं.
रद्द हो सकती है आपकी SIP
अगर आपके बैंक अकाउंट में पर्याप्त बैलेंस नहीं है तो आपकी एसआईपी का भुगतान नहीं हो पाएगा. इससे म्यूचुअल फंड कंपनी को पैसा नहीं पहुंचेगा. नतीजतन आपका एसआईपी रद्द हो सकती है. साथ ही आपका फंड आपकी उम्मीदों के मुताबिक नहीं बढ़ पाएगा.
चूक सकते हैं निवेश का मौका
जब आप अपनी एसआईपी का भुगतान करने से चूक जाते हैं, तो उस विशेष अवधि के लिए आप निवेश से चूक सकते हैं. उदाहरण के तौर पर जिस समय आप भुगतान से चूकते हैं उसी समय मार्केट अच्छा चल रहा होता है और ये निवेश का सही मौका है, लेकिन किस्त न चुकाने से आप सही अवसर खो देते हैं. एक्सपर्ट के अनुसार एक एसआईपी (SIP) का मतलब है लंबी अवधि में छोटी-छोटी बचत के जरिए बड़ा फंड जोड़कर वित्तीय लक्ष्य हासिल करना. एसआईपी का भुगतान करने में असफल होने का मतलब है कि आप अपने लक्ष्य से चूक जाएंगे.
रुपए की औसत लागत प्रभावित होना
एसआईपी को रुपए की औसत लागत यानी एवरेजिंस से फायदा हो, इसके लिए समय के साथ अलग-अलग कीमतों पर म्यूचुअल फंड की इकाइयां जमा करते हैं. मगर भुगतान चूकने से, नियमित निवेश पैटर्न बाधित हो जाता है, जिससे आपके रिटर्न पर असर पड़ सकता है.
और क्या है नुकसान?
अगर कोई एसआईपी के भुगतान में चूकता है तो उसके म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो में जमा यूनिट की कुल संख्या भी कम हो जाएगी. समय के साथ, यह आपके निवेश के कुल मूल्य को प्रभावित कर सकता है. हालांकि कुछ म्यूचुअल फंडों में एसआईपी किस्तों का भुगतान न करने के लिए खास शर्तें भी है. जिसके तहत लेट भुगतान पर जुर्माना या अतिरिक्त शुल्क लगाया जा सकता है.
क्या है एसआईपी?
एसआईपी एक ऐसी निवेश प्रक्रिया है जहां निवेशक नियमित रूप से एक तय अंतराल पर एक निश्चित राशि का निवेश म्यूचुअल फंड में करते हैं. इसमें नियमित तौर पर किस्त चुकाने से आपका निवेश बढ़ता है. इसमें साप्ताहिक, मासिक, त्रैमासिक व छमाही आधार पर भुगतान कर सकते हैं. इसके अलावा आप हर महीने महज 100, 500 या फिर 1000 रुपए से निवेश शुरू कर सकते हैं. इसमें आपके पैसों को फंड मैनेजर व्यवस्थित करते हैं.