रिटायर्ड हैं तो बड़े काम का है SWP, रिटर्न भी मिलेगा और रेगुलर इनकम भी

सीनियर सिटिजन अपनी एकमुश्त रकम को किसी लिक्विड या डेट फंड में निवेश कर SWP कर सकते हैं जिससे हर महीने खर्च के लिए पैसे भी मिलें और बाकी रकम पर कमाई भी होती रहे.

  • Team Money9
  • Updated Date - February 2, 2021, 06:37 IST
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बैंक बैलेंस बड़ा होना चाहिए, बस इतना हो कि काम करने की झंझट ही खत्म, सेविंग्स पर रिटर्न मिलता रहे और उससे ही खर्च और आराम की जिंदगी निकले. ऐसा हर करोड़पति बनाने वाले प्रोग्राम के सवालों का जवाब अपने घर पर बैठे देते हुए आपने सोचा होगा. करोड़पति बनने में भले ही आपको समय लगे, लेकिन आपकी जितनी सेविंग्स है उसपर आप अच्छा रिटर्न भी कमा सकते हैं और खर्च के लिए हर महीने उसमें से तय पैसे निकाल भी सकते हैं. ये संभव है SWP यानि सिस्टेमैटिक विड्रॉल प्लान (Systematic Withdrawal Plan) से. ये प्लान तब लेना बेहतर है जब आपके पास लंपसम पैसा है लेकिन हर महीने रेगुलर इनकम (Regular Income) के लिए इस पैसे के कुछ हिस्से की जरूरत भी हो.

सिर्फ जरूरत की रकम निकालें, बाकी पर कमाएं रिटर्न
मान लीजिए आपने किसी फंड में 1 लाख 20 हजार रुपये डाले और हर महीने 10,000 रुपये की SIP की. अगर ये रकम आपके सेविंग्स खाते में होती तो 12 महीने में खत्म हो जाती. हालांकि सेविंग्स खाते पर मिलने वाले रिटर्न भी औसत ही रहते हैं. वहीं अगर इस रकम को आपने किसी लिक्विड (Liquid) या डेट फंड (Debt Fund) में करते हैं तो 10 फीसदी के रिटर्न के हिसाब से साल के अंत तक तकरीबन 6500 रुपये ज्यादा रहेंगे. वहीं अगर 50,000 रुपये का एकमुश्त निवेश करते हैं और SIP 1,000 रुपये की तो हर महीने कितना रिटर्न मिलेगा उसका कैलकुलेशन यहां है:

सीनियर सिटिजन के लिए बड़े काम का SWP
Senior Citizen Investment: रिटायरमेंट (Retirement) पर मिली बड़ी रकम को अन्य स्कीम में इन्वेस्ट करने पर लॉक-इन की अड़चन रहती है. लॉक-इन नहीं तो कम ब्याज दर वाले विकल्प मिलते हैं. फिक्स्ड डिपॉजिट किया तो लॉक-इन, सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम (Senior Citizen Saving Scheme) में 5 साल की मैच्योरिटी, इक्विटी फंड्स में जोखिम ज्यादा. ऐसे में सीनियर सिटिजन (Senior Citizen) साल भर की जरूरत का आकलन कर इस रकम को किसी लिक्विड या डेट फंड में निवेश कर SWP कर सकते हैं. निवेश की बाकी रकम पर रिटर्न मिलता रहेगा जो इन फंड्स में 8 से 10 परसेंट के करीब रहता है और हर महीने खर्च के मुताबिक रकम भी आपके खाते में आती रहेगी.

डिविडेंड विकल्प से बेहतर है SWP
कई बार फंड से मिलने वाले रिटर्न को रेगुलरी निकालने के लिए निवेशक डिविडेंड (Dividend) विकल्प चुनते हैं. इससे फंड का डिविडेंड रीइन्वेस्ट (Dividend Reinvest) यानि दोबारा फंड में निवेश ना होकर कस्टमर के बैंक खाते में आ जाता है. इस डिविडेंड पर पिछले साल ही सरकार ने बजट में 10% टैक्स का ऐलान किया था. एक साल में 5,000 से ज्यादा डिविडेंड की कमाई पर ये टैक्स लगता है. डिविडेंड विकल्प चुनने की बजाय अगर आप SWP करेंगे तो इस रकम पर टैक्स का बोझ नहीं रहेगा और इनकम भी होती रहेगी.

कैसे करें फंड से SWP?
SWP विकल्प चुनना बेहद आसान है. आप अपने एडवाइजर से मदद भी ले सकते हैं हालांकि आप खुद ऑनलाइन भी इसे चुन सकते हैं. ध्यान से विड्रॉल रकम चुनते वक्त स्पेस, कॉमा आदि दो-तीन बार जांच ने ताकि विड्रॉल जरूरत से ज्यादा ना हो.

Published - January 30, 2021, 05:44 IST