गाजियाबाद के करुणाकर की सैलरी का बड़ा हिस्सा इनकम टैक्स में चला जाता है. उनके सीए ने बताया कि टैक्स बचाने के लिए वे इनवेस्टमेंट के अलावा किसी चैरिटी संस्था को डोनेशन भी दे सकते हैं और इसके बाद उन्हें आयकर की धारा 80जी के तहत टैक्स छूट का फायदा मिल सकता है.
वे समझ नहीं पा रहे कि अब कहीं और निवेश करें या डोनेशन दें. इस बीच उनके पड़ोसी शोभित एक अनूठा रास्ता निकालकर लाए. उन्होंने बताया कि HDFC का एक ऐसा फंड आया है जिसमें आप म्यूचुअल फंड में इनवेस्टमेंट के साथ ही कैंसर के मरीजों के इलाज के लिए डोनेशन दे सकते हैं और आपको इस पर टैक्स की बचत भी हो सकती है. करुणाकर यह जानकर हैरान रह गए?? ये कैसा फंड है? इसके क्या फायदे हैं?
इस शुक्रवार यानी 28 जुलाई को HDFC Charity Fund for Cancer Cure लॉन्च हुआ है. सबसे पहले साल 2011 में HDFC म्यूचुअल फंड कैंसर के मरीजों के इलाज के लिए एक HDFC Debt Fund for Cancer Cure लेकर आया था, जो साल 2014 में मैच्योर हो गया. इसके बाद साल 2014 और फिर 2017 में इस फंड की दूसरी और तीसरी सीरीज जारी की गई थी.
इन फंड्स के जरिए HDFC AMC ने कुल 226 करोड़ रुपए की मदद से करीब 13 हजार कैंसर मरीजों का इलाज कराया है.
अब यह जान लेते हैं कि एचडीएफसी के नए चैरिटी फंड की विशेषताएं क्या हैं.
यह 1196 दिन का एक फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लान है और क्लोज एंडेड फंड है. न्यू फंड ऑफर यानी NFO 28 जुलाई को खुल रहा है और 8 अगस्त को बंद हो रहा है. यानी इसमें 8 अगस्त के बाद आप निवेश नहीं कर पााएंगे और एक बार निवेश करने के बाद करीब सवा तीन साल तक आपका पैसा लॉक रहेगा. हालांकि डिविडेंड के रूप में आपको रेगुलर तौर पर रिटर्न मिलता रहेगा.
प्रॉफिट का हिस्सा करें डोनेट
इसमें आप इनकम डिस्ट्रीब्यूशन कम कैपिटल विड्रॉल (IDCW) विकल्प के जरिए अपने रिटर्न का एक निश्चित हिस्सा इंडियन कैंसर सोसाइटी को डोनेट कर सकते हैं. सेबी के निर्देश के मुताबिक अब डिविडेंड ऑप्शपन को ही IDCW कहा जाता है. इंडियन कैंसर सोसाइटी आपकी इस रकम का इस्तेमाल कैंसर के मरीजों के इलाज में मदद के लिए करेगी.
इसमें आपको दो विकल्प मिलेंगे. आप अपने प्रॉफिट का 50 फीसदी या 75 फीसदी डोनेट कर सकते हैं. निवेशकों के प्रॉफिट के बराबर राशि एचडीएफसी एएमसी भी डोनेट करेगी. हालांकि वह एक साल में अधिकतम 16 करोड़ रुपए डोनेट करेगी.
यह फंड निवेशकों का पैसा ऐसे डेट या मनी मार्केट साधनों, सरकारी प्रतिभूतियों में लगाएगा जिनकी मैच्योरिटी इस स्कीम की मैच्योरिटी से पहले होती हो. फंड के एसेट का 100 फीसदी हिस्सा इसी तरह के साधनों में लगाया जाएगा, इसकी वजह से इसमें जोखिम कम है. सिर्फ इंट्रेस्ट रेट के बढ़ने-घटने का ही जोखिम होता है. यह एक डेट फंड है और स्कीम के रिस्कोमीटर के मुताबिक इसमें मॉडरेट रिस्क है यानी इसमें मध्यम स्तर का जोखिम होगा.
HDFC Charity Fund for Cancer Cure में सिर्फ डिविडेंड का ऑप्शन मिलता है, ग्रोथ का नहीं. मतलब आपको जो फायदा होगा वह हर साल डिविडेंड के रूप में आपके खाते में आता रहेगा. इसमें कम से कम 50 हजार रुपए का निवेश किया जा सकेगा.
फंड हाउस नहीं लेगा कोई फीस
इसके लिए HDFC AMC ने सभी तरह के फीस जैसे मैनेजमेंट और एडवाइजरी चार्ज, एग्जिट लोड आदि पूरी तरह से माफ कर दिए हैं यानी वह कोई चार्ज नहीं लेगा. इसके फंडमैनेजर अनिल बमबोली और ध्रुव मुच्छल हैं. अनिल काफी अनुभवी हैं और साल 1994 से म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में काम कर रहे हैं.
म्यूचुअल फंड्स के दो तरह के प्लान होते हैं डायरेक्ट और रेगुलर. डायरेक्ट प्लान में एजेंट आदि का कोई कमीशन न लगने की वजह से निवेश करना सस्ता होता है. लेकिन इस स्कीम में एएमसी किसी तरह का खर्च नहीं ले रहा है. किसी तरह का एंट्री या एग्जिट लोड नहीं है. कमीशन भी एएमसी ही देगा. इसलिए इसमें दोनों प्लान में कोई अंतर नहीं होगा.