आकर्षक वैल्यूएशन, मजबूत बैलेंस शीट और बेहतर कमाई के चलते 2024 में लार्ज-कैप शेयरों के अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद है, लेकिन विश्लेषक लार्ज-कैप फंडों में सीधे निवेश करने के बजाय फ्लेक्सी-कैप फंडों की सलाह दे रहे हैं क्योंकि फ्लेक्सी स्कीम्स में ज्यादातर निवेश लार्ज कैप में ही किया जाता है. म्यूचुअल फंड रिसर्च वैल्यू के आंकड़ों के मुताबिक फ्लेक्सी कैप स्कीम्स के तहत औसतन 71.5% लार्ज कैप में होल्ड किया जाता है. जबकि 23 फीसद हिस्सा मिड कैप में और 6.2 फीसद स्मॉल कैप में लगाया जाता है.
ब्लूमबर्ग डेटा के अनुसार निफ्टी मिडकैप 150 इंडेक्स वर्तमान में अपने PE के 34.5 गुना ट्रेड कर रहा है, जो पिछले 5 वर्षों में 33.7 ही था. वहीं निफ्टी 50 पांच वर्ष के औसतन 24.6 गुना पर ट्रेड कर रहा है. चूंकि FPIs की ओर से इंफ्लो बढ़ने वाला है, वे बड़ी कंपनियों में अपना विस्तार कर रहे हैं. जिसके चलते आने वाले दिनों में लार्ज कैप में मजबूती देखने को मिल सकती है. एक्सपर्ट के मुताबिक इस साल जनवरी से नवंबर तक के बीच FPIs की ओर से इंफ्लो जहां 5,082 करोड़ रुपए का था, जबकि इसका औसतन मासिक ऑउटफ्लो 2022 में 9,716 करोड़ रुपए का था. ऐसे में संकेत मिलते हैं कि पूरी तरह से लार्ज कैप में निवेश की जगह फ्लेक्सी कैप में पैसा लगाना ज्यादा फायदेमंद हो सकता है क्योंकि स्मॉल कैप और मिड कैप में भी ग्रोथ देखने को मिल सकती है. ऐसे में अगर स्मॉल और मिड कैप बेहतर प्रदर्शन करते हैं तो निवेशकों को रिटर्न में नुकसान नहीं होगा.
मिलेगा बेहतर रिटर्न
जानकारों के अनुसार फ्लेक्सी कैप में पोर्टफोलियो में विविधता रहती है. जिसके चलते ऐसी स्कीम में निवेश से ज्यादा रिटर्न मिलने की संभावना रहती है. वैल्यू रिसर्च डेटा पर नजर डाले तो पिछले 10 वर्षों में फ्लेक्सी कैप स्कीम्स में 15.8% का रिटर्न दिया है, जबकि लार्ज कैप फंड में निवेश पर महज 13.9 फीसद रिटर्न मिला है. ऐसे बहुत से फ्लेक्सी कैप स्कीम्स हैं जो इंटरनेशल मार्केट में मौजूद बेहतर स्टॉक में निवेश की अनुमति देता है, इससे पोर्टफोलियो में ज्यादा वेरिएशन देखने को मिलता है.