भारत की प्रमुख एसेट मैनेजमेंट कंपनी एडलवाइस म्यूचुअल फंड ने आम निवेशकों का वित्तीय ज्ञान बढ़ाने के लिए ‘एसआईपी से सब होगा’ नाम से दो वीडियो लॉन्च किए हैं. ये वीडियो निवेशकों को उनके छोटी और लंबी अवधि के निवेश लक्ष्यों को पूरा करने में सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) की ताकत के बारे में बताएंगे.
‘एसआईपी से सब होगा’ की दिल छू लेने वाली कहानियां दो परिवारों के इर्द-गिर्द घूमती है. ये कहानी बेहद खास अंदाज के साथ एसआईपी की क्षमता को दर्शाती हैं। एडलवाइस एमएफ ने ‘एसआईपी से सब होगा’ कैम्पेन को लोकप्रिय बनाने और आम लोगों तक पहुंचाने के लिए एक विस्तृत प्लान तैयार किया है. यह कैम्पेन टेलीविजन, डिजिटल, प्रिंट और आउटडोर सभी माध्यमों पर उपलब्ध होगा.
‘एसआईपी से सब होगा’ फिल्म बताती है कि सोच-समझकर वित्तीय निर्णय लेना क्यों जरूरी है. इसी के साथ ही यह कैम्पेन आम निवेशकों को एसआईपी के साथ निवेश की शुरुआत करने के लिए प्रोत्साहित करता है. यहां बताया गया है कि घर, बच्चों की शिक्षा, विदेशों में घूमने और कार खरीदने जैसे छोटी और लंबी अवधि के लक्ष्यों को पाने में एसआईपी किस प्रकार मददगार हो सकता है.
कैम्पेन के बारे में बात करते हुए, एडलवाइस एएमसी में एसवीपी और प्रोडक्ट्स, मार्केटिंग एवं डिजिटल हेड निरंजन अवस्थी ने कहा, कि हमारा नया टीवीसी कैम्पेन एसआईपी की ताकत को प्रदर्शित करती है. चाहें रोड ट्रिप पर जाना हो, या घर खरीदना हो, या फिर हायर स्टडी प्राप्त करनी हो, एडलवाइस म्यूचुअल फंड में हम लंबी और छोटी अवधि के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आम निवेशकों को सशक्त बनाने में विश्वास करते हैं. एसआईपी इन सपनों को हकीकत में बदलने के लिए वित्तीय आधार प्रदान करती है.
कैम्पेन की बात करें तो इसकी पहली कहानी में, एक माँ और उसका बेटा, एक ज्योतिषी के पास जाते हैं. बेटा खेलकूद में ज्यादा अच्छा नहीं था, फिर भी ज्योतिषी लड़के के लिए स्पोर्ट में बेहतर कैरियर की भविष्यवाणी करते हैं. माँ इस बात से हैरान हो जाती है. इस बीच उनके एक पारिवारिक मित्र शर्मा जी आते हैं. वे बताते हैं कि एसआईपी के साथ कुछ भी संभव है.
दूसरी कहानी एक परिवार की है जो मनाली की रोड ट्रिप की तैयारी कर रहा है. इस बीच एक दिलचस्त घटना घटती है. उनके पोते राहुल की गलती से कार का साइड मिरर टूट जाता है. इस बीच, शर्मा जी आते हैं, और परिवार को एसआईपी की ताकत के बारे में बताते हैं. जैसे-जैसे फिल्म आगे बढ़ती है, दादी ड्राइविंग सीट संभालती हैं और राहुल कार को धक्का देता है. यह बात एकजुटता की ताकत को दर्शाती है.