क्या होते हैं डिविडेंड यील्ड फंड, कोविड वाले साल में दिया 80 फीसदी रिटर्न

Mutual Funds: कोरोना के उथल-पुथल वाले मार्केट में भी इन फंड्स ने 60-80% से ज्यादा के रिटर्न कमाकर दिए हैं. वहीं 5 साल की अवधि में भी इनका CAGR 11-18% के बीच रहा है.

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image: pixabay: एसेट एलोकेशन आपके पैसे को बेहतरीन तरीके से काम करने की एक प्रक्रिया है. शब्द "एसेट एलोकेशन फंड" एक ऐसे फंड को दर्शाता है, जो कई प्रकार के एसेट टाइप्स में निवेश करते हैं.

image: pixabay: एसेट एलोकेशन आपके पैसे को बेहतरीन तरीके से काम करने की एक प्रक्रिया है. शब्द "एसेट एलोकेशन फंड" एक ऐसे फंड को दर्शाता है, जो कई प्रकार के एसेट टाइप्स में निवेश करते हैं.

Mutual Funds: कोविड-19 महामारी से अर्थव्यवस्था के लिए अनिश्चितता पैदा हो गई है. इस वक्त निवेश की सुरक्षा के साथ ही बढ़ रही महंगाई से बेहतर रिटर्न कमाना भी जरूरी है. इक्विटी बाजार में उतार-चढ़ाव ज्यादा है और यहां निवेश की सुरक्षा को लेकर चिंता रही है, लेकिन बतौर एसेट क्लास यही कैटेगरी है जिसने महंगाई को लंबे समय में बड़े मार्जिन से मात दी है.

इस कैटेगरी में डिविडेंड यील्ड फंड अच्छे रिटर्न के साथ आपको बड़ी कमाई का मौका दे सकते हैं.

क्या होते हैं डिविडेंड यील्ड फंड?

ये म्यूचुअल फंड्स की वो कैटेगरी है जो उन कंपनियों के शेयरों में निवेश करती हैं जो अच्छा डिविडेंड देती हैं. ये वो कंपनियां हैं जिन्होंने अपनी वैल्यू को लगातार साबित किया है. ये कंपनियां शेयर धारकों को मोटे डिविडेंड देकर भी बेहतरीन कमाई कराती हैं.

अगर सीधे शेयर बाजार में निवेश ना कर आप ऐसे बड़े डिविडेंड देने वाली कंपनियों के बास्केट में निवेश करना चाहते हैं तो डिविडेंड यील्ड फंड ही आपके काम आएंगे. क्योंकि ये कंपनियां अपना प्रदर्शन साबित कर चुकी है, इनमें अक्सर अच्छे रिटर्न की उम्मीद रहती है.

कोरोना वाले साल में कैसा रहा प्रदर्शन?

कोरोना के उथल-पुथल वाले मार्केट में भी इन फंड्स ने 60 फीसदी के ऊपर के रिटर्न दिए हैं. वहीं 5 साल की अवधि में भी इनका CAGR 11 से 18 फीसदी के बीच रहा है.

मान लीजिए आपने आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल के डिविडेंड यील्ड फंड में एक साल पहले 10 हजार की SIP शुरू की होती तो आपकी ये रकम अब तक 1.54 लाख रुपये हो जाती. इसी तरह 1 लाख रुपये का एकमुश्त निवेश 1.75 लाख रुपये हो चुका होता.

इनके अलावा, HDFC म्यूचुअल फंड ने भी दिसंबर 2020 में ही डिविडेंड यील्ड फंड लॉन्च किया है. इस फंड ने लॉन्च से अब तक 11.14 फीसदी का रिटर्न दिया है. इसका एक्सपेंस रेश्यो 0.37 फीसदी है. एक्सपेंस रेश्यो वो चार्ज है जो फंड हाउस आपसे मैनेजमेंट फीस के तौर पर लेता है.

Source: Value Research

पोर्टफोलियो में कौन सी कंपनियां शामिल?

इन फंड्स में वो शेयर हैं जिन्होंने अच्छे डिविडेंड दिए हैं. मसलन, HDFC डिविडेंड यील्ड फंड का 5.81 फीसदी निवेश HUL में है और 5.44 फीसदी इंफोसिस में है. इस फंड का ITC में 4.46 फीसदी एक्सपोजर है, जबकि TCS में 4.38 फीसदी निवेश है.

इनमें से HUL ने चौथी तिमाही के नतीजों के साथ ही 17 रुपये प्रति शेयर के डिविडेंड का ऐलान किया है. वहीं, इंफोसिस और TCS दोनों ने 15 रुपये प्रति शेयर के डिविडेंड का ऐलान किया है.

डिविडेंड यील्ड वाले इस NFO में भी लगा सकते हैं पैसे

पहले से लॉन्च होकर अपना प्रदर्शन दिखा चुके फंड्स आप चुन सकते हैं. हालांकि, इसी कैटेगरी का एक NFO भी अभी खुला हुआ है. फिलहाल टाटा डिविडेंड यील्ड का न्यू फंड ऑफर चल रहा है. ये NFO 17 मई तक खुला है.

इस NFO में न्यूनतम निवेश 5,000 रुपये का है. NFO के बाद लॉन्च होने के बाद फंड की NAV तय होगी. इस फंड के मैनेजर शैलेश जैन रहेंगे.

फंड की फैक्टशीट में दी गई जानकारी के मुताबिक ये फंड REITs, InvITs और विदेशी बाजार में भी निवेश कर सकता है.

क्या इनमें निवेश करना चाहिए?

सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर पंकज मलाडे मानते हैं कि इन फंड्स में जोखिम सीमित है क्योंकि इन्होंने उन्हीं कंपनियों में निवेश किया है जिन्होंने अपना प्रदर्शन और वैल्यू साबित की है.

उनका कहना है कि बाजार में SEBI के नियमों के बाद अभी कई तरह की कैटेगरी आ गई हैं. हालांकि ये भी किसी अन्य आम इक्विटी स्कीम जैसे ही है. निवेशक चाहें तो अपने लिए डायवर्सिफाइड और लार्जकैप फंड चुन सकते हैं.

फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स इक्विटी फंड्स में लंबी अवधि के लिए पैसा लगाने की सलाह देते हैं.

(Disclaimer: म्यूचुअल फंड में निवेश से पहले जोखिम जरूर समझें, अपने एडवाइजर से सलाह लेने के बाद ही निवेश करें.)

Published - May 7, 2021, 07:42 IST