फाइनेंशियल इमरजेंसी कभी बताकर नहीं आती. अनचाहे और अनदेखी परिस्थिति में अगर आपकी सैलरी रुक जाए या कम हो जाए तो आपका खर्चा कैस चलेगा? इसी तरह के मुश्किल वक्त के लिए आपके पास इमरजेंसी फंड (Emergency Fund) होना जरूरी है. परिस्थिति कुछ भी हो सकती है – नौकरी चले जाना, बीमारी , दुर्घटना या फिर कोरोना महामारी जो आपकी कमाई पर ग्रहण लगा सकता है . वाइजइन्वेस्ट प्राइवेट लिमिटेड के CEO हेमंत रुस्तगी के मुताबिक इमरजेंसी फंड को एक घर में मौजूद फर्स्ट एड किट (First Aid Kit) मानिए — घर में जैसे ही किसी को चोट पहुंचती है उसका पहला और तुरंत इसी से इलाज होता है . इसी तरह फाइनेंशियल लाइफ की चोट से तुरंत निपटने के लिए आपके पास ये इमरजेंसी फंड का फर्स्ट एड किट जरूर होना चाहिए.
कम से कम 6 महीने के खर्च का पैसा आपके पास बतौर इमरजेंसी फंड (Emergency Fund) रहना चाहिए. अपने सारे खर्चों की लिस्ट बनाएं जिसमें राशन, बिजली , इंटरनेट कनेक्शन के बिल से लेकर लोन, किराया, इंश्योरेस प्रीमियम और निवेश की इंस्टॉलमेंट जैसे आपकी जेब से जाने वाले हर पैसे का हिसाब कीजिए. 6 महीने के बराबर के इस खर्च को अलग रखिए. इमरजेंसी लंबी भी खिंच सकती है इसलिए अगर मुमकिन हो तो 9 महीने से एक साल की तैयारी कर सकते हैं. हेमंत रुस्तगी कहते हैं कि इमरजेंसी फंड के पैसे को इन्वेस्ट करने की गलती ना करें. इसे ऐसी जगह रखें जहां से आप इसे तुरंत निकाल पाएं. जैसे कि अपने सेविंग्स बैंक अकाउंट में रख सकते हैं, शॉर्ट टर्म फिकस्ड डिपॉजिट कर सकते हैं या शॉर्ट टर्म लिक्विड फंड में डाल सकते हैं.
ये न सोचें कि आपको कभी इमरजेंसी फंड की जरूरत ही नहीं पड़ेगी और जरूरत पड़ेगी तो दोस्त और रिश्तेदार तो हैं ही. कोरोना महामारी जैसे हालात में दोस्त-रिश्तेदार भी मदद नहीं कर पाएंगे. एक बार इमरजेंसी फंड बनाने के बाद उसे बढ़ाते रहना भी जरूरी है. गोल्ड और रियल एस्टेट को इमरजेंसी फंड समझने की गलती ना करें. तुरंत पैसा चाहिए तो प्रॉपर्टी और सोना मदद नहीं कर पाएंगे. रियल एस्टेट को बेचने में समय लगता है. आपको कुछ पैसों की जरूरत होगी और रियल एस्टेट की कीमत लाखों में होगी. गोल्ड भी तुरंत बिक जाए जरूरी नहीं और आपको किस भाव पर इसे बेचना पड़े ये भी तय नहीं. सोना हो या प्रॉपर्टी इनकी कीमत ज्यादा होती है और बेचना आसान नहीं होता.
Wiseinvest Pvt Ltd के CEO हेमंत रुस्तगी से पूरी बातचीत इस वीडियो में –