Zomato IPO: इस इश्यू से जुड़ी 9 बातें जो आपको पता होनी चाहिए

Zomato IPO: इसका प्राइस बैंड 72-76 रुपये प्रति शेयर रखा गया है. 9,375 करोड़ रुपये के इस IPO में 9,000 करोड़ रुपये की फ्रेश इक्विटी जारी होंगी.

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FSSAI ने आदेश दिया है कि अब अक्टूबर से ही रेस्टोरेंट और मिठाई की दुकानों के साथ अन्य खाने-पीने से जुड़ी दुकानों को पहले तो FSSAI का रजिस्ट्रेशन कराना होगा

FSSAI ने आदेश दिया है कि अब अक्टूबर से ही रेस्टोरेंट और मिठाई की दुकानों के साथ अन्य खाने-पीने से जुड़ी दुकानों को पहले तो FSSAI का रजिस्ट्रेशन कराना होगा

Zomato IPO: फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो (Zomato) ने आखिरकार अपने IPO प्लान का ऐलान कर दिया है. यहां हम इस बहुप्रतीक्षित IPO से जुड़ी 9 बातें आपको बताने जा रहे हैं.

IPO खुलने और बंद होने की तारीख

Zomato का IPO 14 जुलाई को खुलेगा और 16 जुलाई को बंद हो जाएगा.

इश्यू साइज

9,375 करोड़ रुपये के इस IPO में 9,000 करोड़ रुपये की फ्रेश इक्विटी जारी की जाएंगी, जबकि ऑफर फॉर सेल के जरिए 373 करोड़ रुपये के शेयर होंगे. इसका मौजूदा शेयरहोल्डर इंफोएज है.

पब्लिक इश्यू में 65 लाख शेयरों को कंपनी के एंप्लॉयीज के लिए रखा गया है.

प्राइस बैंड

Zomato के IPO के लिए प्राइस बैंड 72 रुपये से 76 रुपये प्रति शेयर का रखा गया है.

लॉट साइज

इनवेस्टर्स न्यूनतम 195 शेयरों के लिए बोली लगा सकते हैं. इसके बाद इतने ही शेयरों के गुणांक में बोली लगाई जा सकती है. इस तरह से आपको इस IPO में प्राइस बैंड के ऊपरी लेवल पर कम से कम 14,820 रुपये लगाने होंगे. रिटेल इनवेस्टर्स अधिकतम 13 लॉट के लिए बोली लगा सकते हैं.

इश्यू का मकसद

फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म Zomato अपने IPO के जरिए मिलने वाली रकम का इस्तेमाल ऑर्गेनिक और इनऑर्गेनिक ग्रोथ के कार्यक्रमों को पूरा करने में करेगी. इसके अलावा, सामान्य कारोबारी मकसद से भी इस पैसे का इस्तेमाल किया जाएगा.

क्या करती है कंपनी?

Zomato देश की प्रमुख ऑनलाइन फूड सर्विस प्लेटफॉर्म्स में से एक है. इसकी B2C ऑफरिंग में फूड डिलीवरी और डाइनिंग-आउट सर्विसेज शामिल हैं. इनमें कस्टमर रेस्टोरेंट्स को ढूंढ सकते हैं, फूड डिलीवरी के लिए ऑर्डर दे सकते हैं, टेबल बुक कर सकते हैं और डाइनिंग आउट में पेमेंट कर सकते हैं. दूसरी ओर, B2C सेगमेंट में कंपनी हाइपरप्योर (हाई क्वालिटी इनग्रेडिएंट्स और किचेन प्रोडक्ट्स को रेस्टोरेंट्स को मुहैया कराना) और Zomato प्रो, कस्टमर लॉयल्टी प्रोग्राम के जरिए रेवेन्यू हासिल करती है.

31 दिसंबर 2020 तक Zomato ने 1,31,233 एक्टिव फूड डिलीवरी रेस्टोरेंट्स, 1,61,637 एक्टिव डिलीवरी पार्टनर्स और 1.07 करोड़ एवरेज मंथली कस्टमर्स के साथ 23 देशों में मजबूत पहुंच बना ली थी.

31 दिसंबर 2020 को खत्म 9 महीनों के दौरान जोमैटो (Zomato) का कुल रेवेन्यू 1,367.65 करोड़ रुपये रहा है जो कि वित्त वर्ष 2017-18 में 487.04 करोड़ रुपये था. ये एक कैश बर्न करने वाली कंपनी है क्योंकि 31 दिसंबर 2020 को इसने 682.2 करोड़ रुपये का लॉस होने का ऐलान किया था. इससे पहले वित्त वर्ष 2017-18 में इसे 106.91 करोड़ रुपये का लॉस हुआ था.

रिटेल इनवेस्टर्स के लिए क्या है?

Zomato के IPO में टोटल ऑफर का 75 फीसदी तक हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स के लिए तय किया गया है, करीब 10 फीसदी रिटेल इनवेस्टर्स और बकाया 15 फीसदी नॉन-इंस्टीट्यूशनल बायर्स के लिए तय है.

बुक रनिंग लीड मैनेजर

Zomato के IPO के लिए बुक रनिंग लीड मैनेजर BoA मेरिल लिंच, सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स इंडिया, क्रेडिट सुइस सिक्योरिटीज (इंडिया), कोटक महिंद्रा कैपिटल और मॉर्गन स्टेनली इंडिया हैं. इस इश्यू का रजिस्ट्रार लिंक इनटाइम है.

कब लिस्ट होगा शेयर

अलॉटमेंट के आधार पर ये इश्यू 22 जुलाई को फाइनल हो सकता है. इसके बाद 23 जुलाई से रिफंड शुरू हो जाएंगे. डिपॉजिटरी अकाउंट्स में इक्विटी शेयरों के क्रेडिट होने का काम 26 जुलाई को होगा. कंपनी के शेयर 27 जुलाई 2021 को मार्केट में लिस्ट हो सकते हैं.

Published - July 8, 2021, 04:25 IST