आपके पास भी हैं इन कंपनियों के शेयर, तो हो जाइए सावधान!

बीएसई के बेंचमार्क इंडेक्‍स सेंसेक्स और एनएसई के निफ्टी दोनों ने ही बीते सप्‍ताह 28 जून को रिकॉर्ड ऊंचाई को छुआ है.

Sensex may soon touch a big figure of 66,666, investors will become rich

किसी भी तरह से देखा जाए तो यह खुदरा निवेशकों का खराब प्रदर्शन नहीं है

किसी भी तरह से देखा जाए तो यह खुदरा निवेशकों का खराब प्रदर्शन नहीं है

Share Market: भारतीय शेयर बाजारों में दिख रही शानदार तेजी के बावजूद कई शेयर अबतक कोविड-19 की मार से उबर नहीं पाए हैं. नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज (एनएसई) के प्रमुख सूचकांक निफ्टी 500 के लगभग एक बटे पांच यानी 20 फीसदी शेयर अब भी अपने कोविड-पूर्व (प्री-कोविड) के स्तर से नीचे हैं. आज हम आपको ऐसे ही सुस्त पड़े शेयरों के बारे में बताने जा रहा है.

ज्यादातर ब्रोकरेज कंपनियां आमतौर पर 17 जनवरी 2020 को केंद्र सरकार द्वारा चीन की यात्रा न करने की सलाह जारी किए जाने से पहले के समय को प्री-कोविड दौर मानती हैं. इस लिहाज़ से देखें तो आईटीसी, भारती एयरटेल, मारुति सुजुकी, ओएनजीसी, आईओसीएल, कोल इंडिया, एचडीएफसी एएमसी, पीवीआर लिमिटेड, बाटा इंडिया, एलएंडटी फाइनेंस, आईनॉक्स लीजर, इंडसइंड बैंक, आरबीएल बैंक, बंधन बैंक, पीएनबी के शेयरों के भाव अब भी अपने प्री-कोविड स्तर से नीचे बने हुए हैं.

बीएसई के बेंचमार्क इंडेक्‍स सेंसेक्स और एनएसई के निफ्टी दोनों ने ही बीते सप्‍ताह 28 जून को रिकॉर्ड ऊंचाई को छुआ है. निफ्टी तो 16 जून को ही अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था. इसके बावजूद इन दिग्‍गज कंपनियों के शेयर नई ऊंचाई छूना तो दूर, कोविड से पहले के अपने पुराने स्‍तर पर भी नहीं पहुंच पाए हैं.

रिलायंस सिक्योरिटीज में रणनीति के प्रमुख बिनोद मोदी ने लाइव मिंट से इस बारे में कहा “हमारा मानना है कि कुछ सेक्‍टरों की आय में रिकवरी को लेकर अस्पष्टता और आगे का परिदृश्य बहुत साफ न होने के चलते कई कंपनियां प्री-कोविड के स्‍तर पर नहीं पहुंच सकी हैं. साथ ही इनकी मार्जिन में गिरावट और कार्यशील पूंजी की बढ़ती जरूरतों का भी इनके शेयरों के प्रदर्शन पर असर पड़ा है. हमारा मानना है कि टीकाकरण कार्यक्रम में तेजी और आने वाले महीनों में पूरी अर्थव्यवस्था के खुलने से आतिथ्य (हॉस्पिटैलिटी), पर्यटन, यात्रा और होटल जैसे क्षेत्रों में तेजी लौटेगी.”

विश्लेषकों ने ऑटो सेक्टर की कुछ दिग्गज कंपनियों और वाहनों के पुर्जे बनाने वाली कंपनियों के शेयरों में मंदी के लिए हाल के महीनों में देशभर में कई राज्यों द्वारा लगाए गए लॉकडाउन के कारण उनके उत्पादों की मांग में कमी आने और आय में गिरावट को उत्तरदायी माना है.

Published - July 5, 2021, 04:39 IST