प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) ने प्रथम श्रेणी के अतिरिक्त (एटी- 1) बॉंड की बिक्री के मामले में सेबी के आदेश के खिलाफ यस बैंक (YES Bank) को अंतरिम राहत दी है। सेबी ने यस बैंक पर 25 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था.
सेबी ने यस बैंक पर भ्रामक तरीके से बिना परिपक्वता अवधि वाले बांड (टी1 बांड) की बिक्री के आरोपा में जुर्माना लगाया था। प्रथम श्रेणी के बांड चिर अवधि के लिए होते है। इन पर निवेशकों को केवल ब्याज मिलता है.
यस बेंक (YES Bank) ने डिबेंचर के रूप में एटी-1 बांड दिसंबर 2013 में जारी किये थे. उसके बाद दिसंबर 2016 और अक्टूबर 2017 में भी इन्हें जारी किये गये.
सेबी ने अप्रैल के उसी आदेश में इस बैंक में निजी संपत्ति प्रबंधन का काम देखने वाली टीम के प्रमुख विवेक कंवर पर एक करोड़ रुपये और आशीष नासा और जकजीत सिंह बंगा पर 50- 50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था.
सेबी का निष्कर्ष था कि बैंक और उसके अधिकारियों द्वारा शेयर बाजार में प्रथम श्रेणी के बॉंड की अतिरिक्त मात्रा (एटी1) की बिक्री करते समय निवेशकों को जोखिम के बारे में जानकारी नहीं दी गई.
सैट ने अपने निर्णय में 21 मई कहा, ‘‘उसने मौजूदा आदेश के प्रभाव और अमल को स्थगित कर दिया है.’’ आदेश में कहा गया है कि यह स्थगन यस बैंक की तरफ से इस गारंटी के साथ दिया गया है कि उसकी अपील यदि असफल होती है तो आदेश के दो सप्ताह के भीतर बैंक जुर्माने की राशि का भुगतान कर देगा.
सैट ने सेबी को मामले में चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है, उसके बाद बैंक को उसपर अपना जवाब देना है. मामले पर अंतिम निर्णय के लिये 30 जुलाई की तिथि तय की गई है.
सैट का यह आदेश यस बैंक (YES Bank), कंवर और अन्य द्वारा दायर की गई अपील के बाद आया.